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—प्रथम रामा गौ धाम का प्रयागराज में स्थापना कर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद श्री विद्या मठ पहुंचे
वाराणसी, 10 जून (हि.स.)। प्रयागराज में प्रथम रामा गौ—धाम का स्थापना कर मंगलवार को ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती काशी के केदारघाट स्थित श्री विद्यामठ में पहुंचे। मठ में संतों के साथ बटुकों और श्रद्धालुओं ने
शंकराचार्य जी महाराज का पुष्पवर्षा के बीच अभिनंदन किया। साथ ही शंकराचार्य महाराज का चरण पादुका पूजन कर उनकी आरती उतारी। इस अवसर पर शंकराचार्य ने कहा कि राष्ट्र के समस्त जिलों में रामा गौ धाम का स्थापना कर उसमें गौ—माता की सेवा की जाएगी। अगर कोई भी व्यक्ति, संगठन या सरकार गौ माता की सेवा में खुद को असमर्थ पाता है तो गौ माता को रामा गौ—धाम पहुंचा सकता है। जहां उनका हर प्रकार से सेवा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि गोविंद के इस भारत भूमि पर जब तक पूर्णतया गौकशी व गौमाता का रक्त गिरना बंद नहीं हो और गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित नहीं किया जाता तब तक गौरक्षा आंदोलन चलता रहेगा। गौमाता को समुचित सुरक्षा, सत्कार व आदर देकर ही भारत पुनः विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो सकता है। शंकराचार्य महाराज के मठ के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि प्रयागराज में प्रथम रामा गौ धाम की स्थापना के अनन्तर रामपुर में माता काली व महासरस्वती के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कर शंकराचार्य काशी प्रवास पर आए हैं। 11 जून बुधवार को श्री विद्यामठ में सिंधी समाज के संत साईं जलकुमार मसंद साहिब शंकराचार्य से मिलेंगे। संत ने देश विदेश में बसे सिंधी समाज के गौसेवा अभियान से जुड़ने सम्बन्धी एक पुस्तिका प्रकाशित की है। जिसका विमोचन शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद खुद करेंगे। साथ ही गौसेवा के लिए काशी के सिंधी समाज का मार्गदर्शन भी करेंगे। इसके अलावा बुधवार से ही सुबह 7 बजे से 9 बजे तक शंकराचार्य के सानिध्य में योगगुरु मंगेश त्रिवेदी व योगाचार्य अंजना त्रिपाठी के संचालन में योग से सम्बंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी