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जम्मू, 10 जून (हि.स.)। आज बड़ी भक्ति और श्रद्धा के साथ जम्मू के तिरूपति बालाजी मंदिर में पवित्र 'कोइल अलवर तिरुमंजनम शुद्धिकरण समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मंदिर निरीक्षक साई कृष्णा, किरण, रमेश बाबू, पंडित अमित शुक्ला, रवितेजा, नरसिम्हा और अन्य मंदिर के पुजारियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
तिरुमंजनम का तात्पर्य सुगंधित और औषधीय सामग्रियों का उपयोग करके मंदिर की सफाई से है। इस प्रक्रिया के दौरान, गर्भगृह और पूरे मंदिर परिसर को अच्छी तरह से साफ किया जाता है। सभी मूर्तियों और पूजा सामग्री को गर्भगृह से हटा दिया जाता है जबकि मुख्य देवता (मूल विराट) को जलरोधी कपड़े से ढक दिया जाता है। गर्भगृह की दीवारों, छत, फर्श और उप-मंदिरों को तिरुमंजनम नामक एक विशेष मिश्रण से धोया जाता है।
जिसमें कपूर, परिष्कृत कपूर, सिंधुर, हल्दी पाउडर, लोबान, सफेद तिलक (नमम) चंदन का पेस्ट, केसर, और किचिली गद्दा (एक जड़ वाली सब्जी) शामिल है - जो अपने कीटाणुनाशक गुणों के लिए जाना जाता है। सफाई के बाद मूर्तियों को पुनः स्थापित किया जाता है उसके बाद इष्टदेव को विशेष पूजा और नैवेद्यम अर्पित किया जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता