भारत-यूरोपीय संघ रक्षा, आतंकवाद, तकनीक व व्यापार में सहयोग बढ़ाने पर सहमत
भारत और यूरोप के समक्ष मंत्री प्रेस संबोधन करते हुए


नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। ब्रसेल्स में आज विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की उच्च प्रतिनिधि काजा के साथ पहला भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक संवाद किया। इसमें रक्षा, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद निरोध, साइबर एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अंतरिक्ष और रक्षा उद्योग सहयोग पर चर्चा हुई। जयशंकर ने इंडो-पैसिफिक, यूरोप और पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी भारत का दृष्टिकोण साझा किया।

डॉ. जयशंकर इन दिनों फ्रांस, यूरोपीय संघ और बेल्जियम की आधिकारिक यात्रा पर हैं। अपने दौरे के दौरान उन्होंने यूरोपीय संघ, बेल्जियम सरकार और विभिन्न संस्थाओं के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर भारत की रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत करने के लिए वार्ता कर रहे हैं।

वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेस वक्तव्य दिया। इसमें उच्च प्रतिनिधि काजा कैलास ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई। उन्होंने कहा कि भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा का पूरा अधिकार है और हमले के दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के किसी भी रूप के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति रखता है और किसी भी तरह के न्यूक्लियर ब्लैकमेल को स्वीकार नहीं करेगा।

उन्होंने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से भी भेंट की। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने पर आभार व्यक्त किया और आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई की प्रतिबद्धता जताई। दोनों पक्षों ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी और सुरक्षा में गहन सहयोग की संभावनाओं को लेकर उत्साह व्यक्त किया।

वहीं विदेश मंत्री ने बेल्जियम के सम्राट किंग फिलिप से भी मुलाकात की और भारत के प्रति उनके गर्मजोशी भरे विचारों की सराहना की। जयशंकर ने बेल्जियम के प्रधानमंत्री बार्ट डी वेवर से भेंट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुभकामनाएं पहुंचाईं। दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, सेमीकंडक्टर्स और नवाचार में साझेदारी को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा