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कानपुर, 10 जून (हि.स.)। सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा गांव में पुलिस की पिटाई से आहत होकर युवक ने सोमवार को आत्महत्या कर ली थी। परिजनों का आरोप है कि दम्पति के झगड़े के बाद पुलिस ने मृतक की पत्नी की शिकायत पर युवक को पुलिस चौकी बुलाकर उसकी पिटाई की थी। इसी बात से परेशान होकर उसने घर जाकर फांसी लगाकर जान दे दी। मामला तूल पकड़ता देख डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने हेड कांस्टेबल और दरोगा को निलम्बित कर दिया।
कोटरा गांव निवासी जीतू निषाद (42) सूरत में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। घर में पत्नी सुमन और तीन बेटियां हैं। वह करीब तीन महीने से गांव में ही था। पति-पत्नी में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जिसके चलते पत्नी सुमन अपने बच्चों को लेकर अपने मायके चली गई। दो दिनों बाद यानी बीते शुक्रवार को रमेश अपने पत्नी और बच्चों को लेने ससुराल पहुंचा लेकिन वह लोग वापस नहीं लौटे। बल्कि पत्नी ने पुलिस को फोन कर दिया।
हालांकि पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। रविवार को एक बार फिर जीतू अपनी पत्नी को लेने पहुंचा। इस बार भी उसकी पत्नी ने वापस आने से इनकार कर दिया। मामला बढ़ता देख सुमन ने फिर से पुलिस को फोन किया। इस बार पुलिस जीतू को हिरासत में लेकर पुलिस चौकी ले आई। मृतक रमेश के परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि जीतू को छोड़ने के लिए पुलिस ने बीस हजार रुपये मांगे। किसी तरह से व्यवस्था कर पुलिस को 15 हजार रुपये दिए गए। अगले दिन यानी सोमवार को पुलिस ने जीतू को छोड़ दिया। इस घटना से आहत होकर उसने घर पहुंच कर फांसी लगा ली।
पुलिस उपायुक्त दक्षिण दीपेंद्र नाथ चौधरी ने मंगलवार को बताया कि आला अधिकारियों के साथ मौके का मुआयना किया गया। प्रारम्भिक जांच में हेड कांस्टेबल और दरोगा दोषी पाए गए हैं। जिस पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। साथ ही पीड़ित पक्ष की तहरीर पर दरोगा गौरव शौलिया, हेड कांस्टेबल रवि मृतक के ससुर रामकिशोर व पत्नी सुमन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप