रेलवे बोर्ड के अपर सदस्य ने बरेका के टर्बो असेंबली शॉप का निरीक्षण किया
रेलवे बोर्ड के अपर सदस्य बरेका में


क्रू कम्फर्ट विकसित कैब डिज़ाइन को सराहा, निर्माण प्रक्रिया भी देखी

वाराणसी,10 जून (हि.स.)। रेलवे बोर्ड नई दिल्ली के अपर सदस्य (उत्पादन इकाई) संजय कुमार पंकज ने मंगलवार को बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) का निरीक्षण किया। लोको निर्माण के आधुनिक तकनीक, नवाचार और गुणवत्ता से अभिभूत रेलवे बोर्ड के अपर सदस्य ने ब्लॉक शॉप स्थित क्रिटिकल मेजरिंग मशीन कक्ष को देखा। उन्होंने निर्माण प्रक्रिया, तकनीकी दक्षता एवं गुणवत्ता मानकों की समीक्षा भी की। सदस्य ने टर्बो असेंबली शॉप, लाइट मशीन शॉप, इंजन इरेक्शन शॉप, इंजन टेस्ट शॉप, लोको असेंबली शॉप, लोको टेस्ट शॉप का सूक्ष्म अवलोकन किया।

अपर सदस्य ने बरेका निर्मित प्रथम एयरोडायनेमिक डिज़ाइन युक्त डब्ल्यूएपी-7 विद्युत रेल इंजन का भी अवलोकन किया। उन्होंने लोको डिजाइन एवं पायलट की सुविधा के लिए विशेष रूप से क्रू कम्फर्ट विकसित कैब डिज़ाइन की सराहना की। साथ ही लोको में लगे वॉटरलेस यूरिनल जैसे स्वच्छता नवाचारों की भी प्रशंसा की। इसके पहले बरेका महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंट कर अपर सदस्य का स्वागत किया। बरेका स्थित कीर्ति कक्ष, प्रशासनिक भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में महाप्रबंधक ने अपर सदस्य को पौधा भेंट कर अभिनंदन किया।

महाप्रबंधक ने बताया कि बरेका ने अब तक 10,500 से अधिक लोकोमोटिव बनाकर भारतीय रेलवे को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। अपर सदस्य का यह दौरा हम सभी के लिए मार्गदर्शन, उत्साह एवं नवप्रेरणा का स्रोत है।

बैठक में प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर सुशील कुमार श्रीवास्तव ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बरेका की उपलब्धियों, वैश्विक निर्यात, तकनीकी विकास एवं भविष्य की योजनाओं को बताया। इस दौरान अपर सदस्य ने कहा कि बरेका भारतीय रेलवे की एक अद्वितीय निर्माण इकाई है, जहां आधुनिकतम तकनीक, उत्कृष्ट गुणवत्ता और टीम भावना का अद्भुत संगम देखने को मिला। मोजाम्बिक, सूडान, मलेशिया सहित 11 देशों को किए गए लोको निर्यात 'मेक इन इंडिया–फॉर द वर्ल्ड' का सजीव उदाहरण हैं। यहां की कार्यसंस्कृति आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रही है। उन्होंने बेहतर कार्य के लिए बनारस रेल इंजन कारखाना को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की। इस अवसर पर प्रमुख विभागाध्यक्षों, वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी