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नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित होने वाले योग संगम- 2025 के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय स्तर का वेबिनार आयोजित किया। इस वेबिनार का उद्देश्य योग संगम में व्यापक भागीदारी को आमंत्रित करना था जिससे देश भर के शैक्षणिक संस्थानों को योग के इस राष्ट्रीय उत्सव में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने योग की परिवर्तनकारी शक्ति और आज की दुनिया में इसकी बढ़ती प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि योग भारत द्वारा दुनिया को दिए गए सबसे महान सभ्यतागत उपहारों में से एक है। उन्होंने कहा कि योग न केवल एक दिनचर्या प्रदान करता है, बल्कि सद्भाव, संतुलन और मानसिक कल्याण की राह भी दिखाता है।
प्रो. सीताराम ने सभी एआईसीटीई अनुमोदित संस्थानों को योग संगम पोर्टल पर पंजीकरण करने एवं संकाय और छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि योग को केवल व्यायाम के रूप में नहीं, बल्कि एक मुख्य जीवन कौशल के रूप में अपनाया जाना चाहिए जो किसी व्यक्ति के समग्र विकास और सामाजिक जिम्मेदारी में योगदान देता है।
योग संगम 2025 में भारत भर के तकनीकी संस्थानों से रिकॉर्ड भागीदारी देखने की उम्मीद है। भाग लेने में रुचि रखने वाले संस्थानों और व्यक्तियों को आधिकारिक योग संगम पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जहां उन्हें परिसर में स्थानीय समारोहों को सुविधाजनक बनाने के लिए दिशानिर्देश, गतिविधि मॉड्यूल और संसाधन मिलेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार