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कानपुर, 07 दिसम्बर (हि.स.)। कानपुर महानगर की सामाजिक सम रिश्ता मंच द्वारा मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन बीएनएसडी शिक्षा निकेतन बेनाझाबर में किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं, शिक्षिकाओं और समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में बरेली की केंद्रीय टोली सदस्य सामाजिक समरसता सुषमा गौड़ियाल एवं एसएनसेन की प्राचार्या सम्मेलन में अध्यक्षता के तौर पर उपस्थित रहीं। उन्होंने मातृशक्ति की भूमिका, समाज में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और समरसता के प्रसार पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी समाज की प्रगति उसकी मातृशक्ति के सशक्त होने पर निर्भर करती है।
मुखय वक्ता सुषमा गौड़ियाल ने कहा कि सामाजिक समरसता गतिविधि के अंतर्गत महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर राष्ट्र की एकता में अपना योगदान दे सकती हैं। इसके लिए छोटे-छोटे प्रयास भी भविष्य में बड़े आधारों की नींव तय करते हैं।
वहीं अध्यक्षा ने अपने आशीर्वचन में कहा कि सामाजिक समरसता हमारी सभ्यता की आत्मा है और भारतीय मातृशक्तियां विभिन्न रूपों एवं प्रयासों के माध्यम से समरसता के क्षेत्र में महती भूमिका का निर्वहन कर सकती हैं क्योंकि सभ्यता की पहली और अंतिम इकाई मातृशक्ति ही है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के संदेश को घर–घर तक पहुंचाने में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शिक्षा, संस्कार और समाजिक जागरूकता के माध्यम से महिलाएं नए भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
मातृशक्ति सम्मेलन के अंतर्गत मंच संचालन कर्ता डाक्टर आरती द्विवेदी एवं डाक्टर अनुराग रत्न द्वारा लिखित पुस्तक समकालीन राजनीतिक सिद्धांत एवं अवधारणाएं का भी विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष। का स्वागत प्रांतीय महिला आयाम प्रमुख श्रीमती पूनम शुक्ला द्वारा किया गया। मातृशक्ति सम्मेलन में नरेन्द्र, प्रांत प्रमुख रविशंकर, सह प्रांत प्रमुख सुभाष, रामकेश, सघन बस्ती प्रांत प्रमुख धर्मेन्द्र एवं एवं सह प्रमुख प्रिया उपस्थित रहीं।
सम्मेलन में महिलाओं की उपलब्धियों, समाजिक एकजुटता, संस्कार निर्माण और पारिवारिक मूल्यों को मजबूत करने जैसे विषयों पर विशेष सत्र आयोजित हुए। मंच के पदाधिकारियों ने मातृशक्ति को सम्मानित भी किया और उन्हें समाज में सकारात्मक योगदान के लिए प्रेरित किया। अंत में आभार व्यक्त करते हुए आयोजकों ने कहा कि ऐसे आयोजन आगे भी निरंतर होते रहेंगे, जिससे समाज में समरसता और महिला सशक्तीकरण का संदेश अधिक प्रभावी तरीके से फैल सके।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप