Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

पटना, 07 दिसंबर (हि.स.)। बिहार जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने रविवार को बयान जारी कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि वे अपनी राजनीतिक नाकामियों और विफलताओं पर आत्मचिंतन करने के बजाय उस पर पर्दा डालने के लिए चुनावी प्रक्रियाओं पर बेसिर-पैर के आरोप लगा रहे हैं, जो पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना है और उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव परिणाम पर सवाल खड़ा करना और उसे संदेह की नजरों से देखना सीधे-सीधे जनादेश का अपमान है, और बिहार की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि बिहार की जनता ने राजद की अराजक मानसिकता, जंगलराज का काला इतिहास, भ्रष्टाचार की परंपरा और परिवारवादी सोच को सिरे से नकारते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के न्याय के साथ विकास और सुशासन की नीति पर मुहर लगाई है तथा एनडीए को प्रचंड जनादेश देने का काम किया है। चूंकि करारी हार से तेजस्वी यादव फ्रस्ट्रेशन के शिकार हो गए हैं, इसलिए अनाप-शनाप बयानबाज़ी कर रहे हैं।
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि विपक्ष अपनी राजनीतिक सहूलियत और सुविधा के आधार पर चुनावी परिणामों पर राय तय करता है। गत वर्ष ही पड़ोसी राज्य झारखंड में राजद समर्थित ‘इंडी गठबंधन’ की सरकार बनी, जहाँ तेजस्वी के विधायक मंत्रिमंडल का हिस्सा भी हैं। यानी जहां विपक्ष की सरकार बनती है, वहाँ चुनाव आयोग ‘निष्पक्ष’ हो जाता है, और जहां उनकी हार हो जाती है वहाँ पूरा विपक्ष अपनी कमियों पर आत्मचिंतन करने के बजाय चुनाव आयोग में कमियाँ ढूँढने लगता है। इस दोहरी मानसिकता को जनता भी बखूबी समझ रही है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के प्रति लगातार अविश्वास का भाव व्यक्त करना दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है, विपक्ष को इस तरह के रवैये से बाज आना चाहिए।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी