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जयपुर, 7 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जगतपुरा, महावीर नगर, सिद्धार्थ नगर, विद्याधर नगर, पुलिस अकादमी और चांदपोल क्षेत्रों में तेंदुए के मूवमेंट देखे गए हैं। इसके चलते जयपुर में तेंदुए की गतिविधियों पर वन विभाग सतर्क हो गया है और सुरक्षा के लिए व्यापक निगरानी व्यवस्था लागू की गई है।
उपवन संरक्षक विजय पाल सिंह ने बताया कि मानव–वन्यजीव संघर्ष की आशंका को देखते हुए वन विभाग ने त्वरित और सशक्त कदम उठाए हैं। 2 दिसंबर 2025 से प्रतिदिन रात 7 बजे से सुबह 7 बजे तक पुलिस पीसीआर मॉडल पर आधारित पेट्रोलिंग टीम तैनात की गई है, जो जाल,टॉर्च और वायरलेस उपकरणों सहित आवश्यक सामग्री के साथ निरंतर गश्त कर रही है। इसके साथ ही तेंदुए की गतिविधि वाले क्षेत्रों में नियमित ट्रैकिंग की जा रही है, जिसके लिए रणथम्भौर टाइगर रिजर्व, सवाई माधोपुर से विशेषज्ञ ट्रैकर्स बुलाए गए हैं और स्थानीय टीम को प्रशिक्षित किया गया है। प्रतिदिन तैयार की जा रही मूवमेंट रिपोर्ट की सतत मॉनिटरिंग की जा रही है।
उन्होंने बताया कि निगरानी को वैज्ञानिक रूप से और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आगामी दिनों में दो से तीन तेंदुओं को रेडियो कॉलर लगाने की तैयारी पूरी की जा रही है, जिससे उनके विचरण क्षेत्र और मार्गों की सटीक जानकारी मिल सकेगी। इसी क्रम में झालाना कंजर्वेशन रिज़र्व में क्षतिग्रस्त बाढ़ की मरम्मत का कार्य तेज़ी से प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त तेंदुए के मूवमेंट को और अधिक सटीक रूप से ट्रैक करने के लिए दीवार के अंदरूनी हिस्से में पेरीफेरल पेट्रोलिंग ट्रैक विकसित करने का प्रस्ताव भी रखा गया है, जिसका कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। वन विभाग के अनुसार इन सभी कदमों से तेंदुए की गतिविधियों की बेहतर निगरानी, समय पर हस्तक्षेप और मानव–वन्यजीव संघर्ष की संभावनाओं में प्रभावी कमी सुनिश्चित होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश