साहित्य और संस्कृति एक ही सिक्के के दो पहलू हैं : शिक्षामंत्री पेगू
- असम सरकार ने 28 साहित्यकारों को 2025 का साहित्यिक पेंशन और पुरस्कार प्रदान किया गुवाहाटी, 07 दिसंबर (हि.स.)। असम सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की पहल पर प्रतिष्ठित साहित्यकार होमेन बरगोहाईं की जयंती के अवसर पर काटन विश्वविद्यालय में आयोजित “कथाशिल्
Image of the education minister Dr. Ranoj Pegu participating in the program.


- असम सरकार ने 28 साहित्यकारों को 2025 का साहित्यिक पेंशन और पुरस्कार प्रदान किया

गुवाहाटी, 07 दिसंबर (हि.स.)। असम सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की पहल पर प्रतिष्ठित साहित्यकार होमेन बरगोहाईं की जयंती के अवसर पर काटन विश्वविद्यालय में आयोजित “कथाशिल्पी को श्रद्धांजलि” कार्यक्रम में राज्य के 28 साहित्यकारों और लेखकों को 2025 का साहित्यिक पेंशन और पुरस्कार प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों और भाषाओं के 18 लेखक-लेखिकाओं को साहित्यिक पुरस्कार, जबकि 10 साहित्यकारों को पेंशन देकर सम्मानित किया गया। उच्च शिक्षा विभाग के इस प्रयास का उद्देश्य असम की भाषा-साहित्य परंपरा को और समृद्ध करना है।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित शिक्षामंत्री डॉ. रनोज पेगू ने कहा कि नई पीढ़ी में साहित्य को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि साहित्यिक अध्ययन और शोध को आधुनिक तकनीक से जोड़ने से असम के भाषा-साहित्य क्षेत्र को नई व्यापकता और गतिशीलता मिलेगी।

उन्होंने विश्व की कई भाषाओं में साहित्य के डिजिटल रूप में उपलब्ध होने का उदाहरण देते हुए कहा कि आज पुस्तकों को न केवल पढ़ा जा सकता है, बल्कि डिजिटल माध्यम से सुना भी जा सकता है।

मंत्री ने आशा व्यक्त की कि असमिया सहित असम की सभी भाषाओं के साहित्य को डिजिटल रूप में अधिक प्रसारित करने से वह नई पीढ़ी के बीच और अधिक लोकप्रिय होंगे। उन्होंने कहा कि विज्ञान की तरह साहित्य में भी कौशल की आवश्यकता होती है और साहित्य सृजन की क्षमता का विकास बेहद ज़रूरी है।

इस अवसर पर दिसपुर के विधायक अतुल बोरा, काटन विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश चन्द्र डेका, गुवाहाटी विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग के प्राध्यापक एवं दिवंगत साहित्यकार होमेन बरगोहाईं के पुत्र प्रदीप्त बरगोहाईं सहित अनेक विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश