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अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन दिवस भी मनाया गया
अमेठी, 7 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में स्थित राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय (आरजीएनएयू) में रविवार को द्वितीय दीक्षांत समारोह और अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन दिवस का संयुक्त रूप से आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कार्यकारी एवं शैक्षणिक परिषद के सदस्य, विशिष्ट अतिथि, उद्योग विशेषज्ञ, संकाय सदस्य तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। समारोह की विशेषता नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राममोहन नायडू की वर्चुअल उपस्थिति रही, जिन्होंने अपने संदेश में विश्वविद्यालय की प्रगति की सराहना की।
मंत्री ने कहा कि विमानन क्षेत्र का भविष्य भारत केंद्रित है और इस दिशा में आरजीएनएयू अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने उपाधि व पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दीं तथा ड्रोन इंजीनियरिंग में बी.टेक/एम.टेक और एविएशन फाइनेंस में एमबीए जैसे नए पाठ्यक्रमों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप बताया।
समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रो. अमित पत्रा, निदेशक, आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि विनम्रता, साहस और ईमानदारी किसी भी पेशे में सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ रहा विमानन उद्योग युवाओं के लिए अपार अवसर लेकर आया है और उनकी उपलब्धियाँ संस्थान की साख को और मजबूत करेंगी।
कार्यक्रम में 59 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इनमें 43 बीएमएस और 16 पीजीडीएओ शामिल रहे। इसके अलावा 6 छात्रों को शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए पदक प्रदान किए गए। आरजीएनएयू वर्तमान में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, एवियोनिक्स, एविएशन मैनेजमेंट, एयरपोर्ट ऑपरेशंस और फायर फाइटर्स ट्रेनिंग जैसे कई उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। समारोह के दौरान विश्वविद्यालय ने आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिसके माध्यम से एयरोस्पेस एवं विमानन क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा।
कुलपति प्रो. भृगु नाथ सिंह ने समारोह को विद्यार्थियों की उपलब्धियों और विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताते हुए कहा कि आरजीएनएयू भविष्य में भी भारतीय विमानन उद्योग को उत्कृष्ट मानव संसाधन उपलब्ध कराता रहेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश त्रिपाठी