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कानपुर, 07 दिसम्बर (हि.स.)। एक ही स्थान पर देश भर के उत्कृष्ट उत्पादों को देखने और खरीदने का अवसर कानपुर के लोगों के लिए विशेष आकर्षण रहेगा। मेरी सभी नागरिकों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर बुनकरों के प्रोत्साहन एवं उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहयोग करें। यब बातें रविवार को मंत्री राकेश सचान ने कही।
विकास आयुक्त, हथकरघा वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के प्रायोजन में यह आयोजन किया गया। आयुक्त एवं निदेशक, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, उत्तर प्रदेश, कानपुर द्वारा नेशनल हैंडलूम एक्सपो–2025 गांधी बुनकर मेला का मोतीझील लॉन में आयोजन किया गया। इसका औपचारिक उद्घाटन आज सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान द्वारा किया गया।
अगली 16 दिसम्बर तक चलने वाले इस एक्सपो में देश के 10 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश से आए बुनकरों और शिल्पकारों के लगभग 80 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें उत्कृष्ट व विशिष्ट हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री की जा रही है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी, मऊ, आज़मगढ़, सीतापुर, वाराबंकी, कानपुर, मुरादाबाद, झांसी और मेरठ से आई साड़ियां, सलवार सूट, दुपट्टे, दरी, स्टोल और अन्य हस्तनिर्मित उत्पाद विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। प्रदेश के बाहर से जम्मू–कश्मीर की पश्मीना शॉल, फिरेन और शूट, उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश के ऊनी उत्पाद, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की साउथ सिल्क साड़ियां, पश्चिम बंगाल की कांथा व जामदानी साड़ियां तथा राजस्थान की बंधनी और लहरिया जैसे लोकप्रिय हस्तशिल्प भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि कानपुर में आयोजित यह नेशनल हैंडलूम एक्सपो न केवल प्रदेश की प्राचीन बुनकरी परम्परा को सम्मान देता है, बल्कि लाखों हथकरघा बुनकरों और दस्तकारों की आजीविका का आधार भी है। इन बुनकरों की कलाकृतियां देश की आर्थिक समृद्धि में योगदान देती हैं और निर्यात के माध्यम से विदेशी मुद्रा अर्जित करती हैं। मुख्यमंत्री की अपेक्षा के अनुसार हैंडलूम के विकास और गांवों में बुनकर सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की दिशा में यह मेला महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप