बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर अवैध शिकार की आशंका, नाबालिग के पास मिले बाघ के दाँत और नाखून
धमोखर रेंज टीम ने दबिश देकर किया खुलासा, शिकार की असली जगह की तलाश जारी उमरिया, 7 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले स्थित विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बार फिर अवैध शिकार की आशंका ने वन विभाग को सतर्क कर दिया है। धमोखर रेंज क
वन विभाग की बड़ी कार्रवाई नाबालिग से बाघ के नाखून और दांत बरामद


धमोखर रेंज टीम ने दबिश देकर किया खुलासा, शिकार की असली जगह की तलाश जारी

उमरिया, 7 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले स्थित विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बार फिर अवैध शिकार की आशंका ने वन विभाग को सतर्क कर दिया है। धमोखर रेंज की टीम को क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों की खबर मिली। सूचना मिलते ही रेंजर ध्रुव सिंह पटेल ने पूरी टीम को सक्रिय किया और धमोखर रेंज के अंतर्गत आने वाले सभी मार्गों पर तत्काल नकाबंदी (चेकिंग) कराई, ताकि किसी संदिग्ध व्यक्ति को भागने का मौका न मिल सके। इस क्रम में रायपुर बीट क्षेत्र में स्थित रायपुर तिराहे पर किए गए तलाशी अभियान के दौरान टीम को बड़ी सफलता मिली। तलाशी के दौरान एक नाबालिग किशोर के पास से बाघ के नाखून और दाँत बरामद किए गए। यह बरामदगी न केवल बांधवगढ़ क्षेत्र में एक बार फिर अवैध शिकार की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि तस्करी व अवैध वन्यजीव व्यापार के नेटवर्क अभी भी सक्रिय हो सकते हैं।

इस संबंध में वन विभाग विभाग द्वारा रविवार को बताया गया कि किशोर से जब कड़ी पूछताछ की गई कि उसके पास ये दाँत और नाखून कहाँ से आए, तो उसने स्वीकार किया कि यह वस्तुएँ उसे जमीन में गड़ी हुई अवस्था में मिली थीं। हालांकि टीम को उसके बयान पर संदेह है, क्योंकि बाघ जैसे संरक्षित वन्यजीव के दाँत-नाखून का यूँ ही मिल जाना अत्यंत असंभव माना जाता है। धमोखर विभाग की टीम ने किशोर से कई स्तरों पर पूछताछ की, ताकि असली स्रोत तक पहुँचा जा सके। टीम का मानना है कि यदि यह सामग्री किसी मृत बाघ से ली गई है तो उस बाघ की मौत प्राकृतिक है या फिर शिकार के कारण हुई यह पता लगाना अत्यंत आवश्यक है। विभाग ने संकेत दिए कि किशोर संभवतः किसी नेटवर्क का छोटा हिस्सा भी हो सकता है, क्योंकि वन्यजीव तस्करी में अक्सर नाबालिगों का उपयोग किया जाता है।

नाबालिग होने के कारण पहचान गोपनीय, पेश किया गया किशोर न्याय बोर्ड के समक्षरेंजर ध्रुव सिंह पटेल ने स्पष्ट किया है कि आरोपी नाबालिग है, इसलिए उसका नाम और पता सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे बीते शनिवार किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे बाल सुधार गृह, रीवा भेजने का निर्णय हुआ। इस पूरे प्रकरण में किशोर की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है।

बांधवगढ़ में पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामलेबांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपनी समृद्ध बाघ आबादी के लिए दुनिया भर में पहचान रखता है। यहीं कारण है कि तस्करी गिरोह इस क्षेत्र पर लंबे समय से नजरें गड़ाए रखते हैं। इससे पहले भी कुछ मामलों में नाखून, दाँत और बाघ की खाल जब्त की जा चुकी है। बाघ के अंगों का उपयोग तंत्र-मंत्र, आभूषण और अंतरराष्ट्रीय अवैध व्यापार में होने की वजह से इनकी कालाबाजारी होती रही है। वन अधिकारियों का कहना है कि हर ऐसे मामले के सामने आने पर रिजर्व की सुरक्षा और निगरानी और भी मजबूत की जाती है। कैमरा ट्रैप, पेट्रोलिंग, इंटेलिजेंस नेटवर्क और स्थानीय सूचना तंत्र को सक्रिय किया जा रहा है।

धमोखर रेंजर ने क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि यदि किसी को बाघ या किसी भी वन्यजीव से संबंधित संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिले तो तत्काल विभाग को सूचित करें। बाघ देश की धरोहर हैं और उनकी रक्षा में स्थानीय लोगों की भूमिका सबसे अहम है।---------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुरेन्‍द्र त्रिपाठी