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शिमला, 18 दिसंबर (हि.स.)। सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार ने चंबा जिले की दुर्गम और दूरस्थ पांगी घाटी में प्रस्तावित एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल (ईएमआरएस), किलाड़ के निर्माण से जुड़े लंबे समय से लंबित मामलों को लेकर गुरुवार को केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम से भेंट की। बैठक में पांगी घाटी की भौगोलिक परिस्थितियों और वहां रहने वाले जनजातीय समुदायों की शैक्षणिक जरूरतों को प्रमुखता से रखा गया।
सिकंदर कुमार ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि पांगी घाटी पूर्णतः जनजातीय क्षेत्र है और भारी बर्फबारी के कारण यहां साल में करीब छह से सात महीने तक सड़क संपर्क पूरी तरह कट जाता है। ऐसे हालात में स्थानीय आदिवासी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित आवासीय शिक्षा की व्यवस्था बेहद जरूरी है। चर्चा के दौरान यह भी अवगत कराया गया कि एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल के निर्माण से पांगी घाटी के सैकड़ों बच्चों को अपने क्षेत्र में ही बेहतर शिक्षा, रहने और खेल-कूद की सुविधाएं मिल सकेंगी।
बैठक में यह मुद्दा भी उठाया गया कि स्कूल के निर्माण में हो रही देरी के कारण जनजातीय छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है, जबकि यह स्कूल क्षेत्र के शैक्षणिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। एकलव्य विद्यालय के शुरू होने से न केवल शिक्षा का स्तर सुधरेगा, बल्कि दूर-दराज के गांवों से आने वाले बच्चों को भी सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने पूरे विषय को गंभीरता से सुना और इस पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा को मजबूत करना केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा