बंद परियोजनाओं की टनल को गंगोत्री हाईवे से जोड़ा जाए
उत्तरकाशी, 18 दिसंबर (हि.स.)। भागीरथी घाटी नदी प्रधिकरण के उपाध्यक्ष रामसुंदर नौटियाल ने नई दिल्ली में सड़क एवं परिवहन मंत्रालय राज्य मंत्री अजय टम्टा से मुलाकात कर उत्तरकाशी की भागीरथी घाटी क्षेत्र में 2010 से बंद पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं की सु
गुरूवार नई दिल्ली में  राज्य मंत्री से उत्तरकाशी की बंद पड़ी लोहारी नागपाला परियोजना के टनल को वैकल्पिक मार्ग के लिए प्रस्ताव देते हुए


उत्तरकाशी, 18 दिसंबर (हि.स.)। भागीरथी घाटी नदी प्रधिकरण के उपाध्यक्ष रामसुंदर नौटियाल ने नई दिल्ली में सड़क एवं परिवहन मंत्रालय राज्य मंत्री अजय टम्टा से मुलाकात कर उत्तरकाशी की भागीरथी घाटी क्षेत्र में 2010 से बंद पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं की सुरंगों को गंगोत्री हाईवे पर आवाजाही के वैकल्पिक मार्ग के तौर पर विकसित करने की मांग उठाई है।

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भारत -चीन सीमा को जोड़ने एवं तीर्थाटन की दृष्टि से गंगोत्री धाम को जोड़ने में गंगोत्री हाईवे के इस अतिसंवेदनशील हिस्से को अगर टनल से जोड़ दिया जाए तो आवाजाही साल भर और सुरक्षित बनी रहेगी।

गुरूवार नौटियाल ने नई दिल्ली में सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा से मुलाकात कर गंगोत्री हाईवे पर उत्तरकाशी से भैरोंघाटी तक ऑल वेदर रोड़ परियोजना के अवशेष हिस्से में शीघ्र चौड़ीकरण शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यात्रा सीजन के दौरान स्थानीय लोगों के साथ ही देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भारी जाम से जूझना पड़ता है जिसका असर यात्रियों की यात्रादिवसों और स्थानीय पर्यटन पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हाईवे के चौड़ीकरण के बाद यात्रियों की संख्या में उत्तरोतर हो रही वृद्धि के बावजूद भी लोगों की आवाजाही सुगम बनी रहेगी साथ ही सीमा तक सेनाओं की आवाजाही भी सरल होगी।

वहीं, उपाध्यक्ष भागीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण रामसुंदर नौटियाल ने राज्य मंत्री सड़क एवं परिवहन मंत्रालय अजय टम्टा से 2010 में भागीरथी नदी में बन रही परियोजनाओं के लिए निर्मित टनल को गंगोत्री हाईवे के वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग के लिए इन टनल का निर्माण पूरा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी की भागीरथी घाटी में भागीरथी नदी पर निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं पर साल 2010 में रोक लगा दी गई थी, जबकि परियोजनाओं का काम 70 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका था जिसके लिए भटवाड़ी से सुक्की के बीच कई जगहों पर सुरंगों का निर्माण किया गया जिन्हें परियोजना बंद होते ही खुला छोड़ दिया गया, यह सुरंगें भी काफी हद तक पूरी हो चुकी थी।

उन्होंने राज्य मंत्री को अवगत कराया कि परियोजना की आखिरी रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर सुरंग 10 से 15 किमी तक खोदी गई हैं और यदि इन सुरंगों का निर्माण पूरा किया जाता है और सुरंग की लंबाई 20 किमी तक की जाती है तो इससे गंगोत्री से उत्तरकाशी के बीच वर्तमान दूरी 100 किमी से घटकर 80 किमी रह जाएगी साथ ही भटवाड़ी से सुक्की के बीच भूस्खलन, बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील राजमार्ग के इस हिस्से में सालभर बिना अवरोध आवाजाही हो सकेगी। साथ ही यह संपूर्ण क्षेत्र सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ ही गंगोत्री यात्रा का मार्ग भी है और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र होने के कारण बारिश में गंगोत्री हाईवे कई जगहों पर बाधित हो जाता है जिससे यात्रा के साथ ही सीमा पर सैनिकों की आवाजाही भी बाधित होती है। जबकि इन सुरंगों को यदि परिवहन के लिए प्रयोग करते हुए इनका निर्माण पूरा कर हाईवे का वैकल्पिक रूप बनाया जाए तो यह सुरंग सीमा तक और गंगोत्री धाम तक आवाजाही हर मौसम में बनाकर रख सकती है।

सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भागीरथी नदी घाटी की इन अधूरी टनल में आवाजाही की संभावनाओं, ऑल वेदर रोड से जोड़ने की संभावनाओं को लेकर मंत्रालय के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श का आश्वासन देने के साथ ही प्रकरण को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी चर्चा करने का आश्वासन दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / चिरंजीव सेमवाल