कड़ाके की ठंड से जनजीवन प्रभावित, स्कूल समय बढ़ा, अस्पतालों में बढ़ी भीड़
धमतरी, 14 दिसंबर (हि.स.)। अंचल में इन दिनों पड़ रही कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सुबह और शाम बढ़ती ठिठुरन से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों के साथ अलाव का सहारा लेने को मजबूर हैं। शहर से लेकर गांव तक चौक-चौराहों और बस्ति
अलाव ताप रहे स्कूली छात्र।


अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही


धमतरी, 14 दिसंबर (हि.स.)। अंचल में इन दिनों पड़ रही कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सुबह और शाम बढ़ती ठिठुरन से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों के साथ अलाव का सहारा लेने को मजबूर हैं। शहर से लेकर गांव तक चौक-चौराहों और बस्तियों में लोग अलाव तापते नजर आ रहे हैं। ठंड का सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों और झोपड़ी में रहने वाले गरीब तबके के लोगों पर पड़ रहा है।

धमतरी अंचल में दिन का तापमान भले ही 25 से 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, लेकिन शाम चार बजे के बाद तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। शाम पांच से छह बजे के बीच तापमान 20 डिग्री तक पहुंच जाता है, वहीं रात बढ़ने के साथ यह और गिरता चला जाता है। सुबह पांच से छह बजे के बीच तापमान 12 से 13 डिग्री तक रहने से ठंड का असर और तेज हो जाता है। सूर्योदय के बाद तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती है, तब जाकर लोगों को कुछ राहत मिलती है।

बढ़ती ठंड का सीधा असर स्कूली बच्चों पर पड़ रहा है। कई स्कूलों में सुबह आठ बजे से कक्षाएं लगती हैं, जबकि दूरस्थ अंचलों के बच्चों को लाने के लिए बस और वैन सुबह छह से सात बजे ही गांवों में पहुंच जाती हैं। ठंड में बच्चों की परेशानी को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूलों के संचालन समय में बदलाव कर राहत देने का निर्णय लिया है। ठंड बढ़ने के साथ ही बाजार में गर्म कपड़ों की मांग भी तेज हो गई है। शहर के प्रमुख कपड़ा बाजारों के अलावा चौक-चौराहों पर लगी अस्थायी दुकानों में लोग स्वेटर, जैकेट, टोपी और कंबल खरीदने पहुंच रहे हैं। खासकर सुबह और शाम के समय दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है। बढ़ती ठंड को देखते हुए नगर निगम द्वारा शहर के मकई चौक, नया बस स्टैंड के अलावा अन्य स्थानों पर भी अलाव जलाए जा रहे हैं, ताकि लोगों को राहत मिल सके।

अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी

धमतरी अंचल में बढ़ती ठंड ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। लोग अलाव, गर्म कपड़े और बदलते स्कूल समय के सहारे ठंड से मुकाबला कर रहे हैं, ठंड और मौसम में नमी बढ़ने से सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। जिला अस्पताल में सुबह काउंटर खुलते ही ओपीडी में पर्ची बनवाने मरीजों और उनके परिजनों की लंबी कतार लग जाती है। प्रतिदिन 350 से अधिक ओपीडी पर्चियां कट रही हैं। चिकित्सकों के अनुसार छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर ठंड का ज्यादा असर पड़ रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा