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कोरबा, 11 दिसंबर (हि. स.)। कोरबा जिले में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वितरण से संबंधित एक पायलट प्रोजेक्ट पर अशासकीय संगठन काम कर रहा है। सरकार के साथ अनुबंध करते हुए इस दिशा में कार्य किया जा रहा है । इसका उद्देश्य यही है कि जिन मामलों में लोगों को आश्वासन से संबंधित समस्याएं हैं उन्हें निशुल्क इस तरह की थेरेपी का लाभ दिया जाए।
कोरबा के सरकारी मेडिकल कॉलेज के लेक्चर हाल में आज गुरुवार को इस कार्यक्रम का आयोजन स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया गया। एक अशासकीय संगठन के प्रतिनिधि भी इस मौके पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंतर्गत चिकित्सा छात्रों को ऑक्सीजन थेरेपी के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें बताया गया कि प्रदूषण जनित क्षेत्र में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य की समस्या होने पर किस प्रकार से सहूलियत दी जा सकती है। छात्रों ने संबंधित विषय पर एसोसिएट प्रोफेसर के व्याख्यान को सुना और जानकारी प्राप्त की।
मेडिकल कॉलेज कोरबा के अधिष्ठाता डॉक्टर के के सहारे ने बताया कि, लॉन्ग टर्म ऑक्सीजन थेरेपी कोरबा के मामले में इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यहां पर वायु प्रदूषण की उपस्थिति है और काफी लोग इससे प्रभावित हैं। अस्पताल में पीड़ितों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा दी जाती है जबकि मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गत अशासकीय संगठन बहुत सारे मामलों में लोगों को यह उपकरण निशुल्क दे रहा है।
अधिष्ठाता ने बताया कि, शरीर में ऑक्सीजन का लेवल 80- 85 के आसपास पहुंचने से लोगों को दिक्कत होती है। हीमोग्लोबिन के निर्माण में भी यह समस्या पैदा करता है। इसलिए जरूरत इस बात की है कि लोगों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिले।
अशासकीय संगठन के प्रतिनिधि रोहित बघेल ने बताया कि, कोरबा में श्वसन से संबंधित समस्या ज्यादा है इसलिए हमने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के वितरण को लेकर इसका चयन किया है। यह बात जरूर रहेगी देश का आठवां साफ सुथरा शहर होने का गौरव कोरबा को इसी वर्ष हासिल हुआ है लेकिन सच यह भी है कि प्रदूषित शहर में भी कोरबा की गिनती काफी समय से हो रही है। प्रदूषण की भारी समस्या के बीच कोरबा नगर और जिले में जनजीवन चल रहा है यह अपने आप में किसी चमत्कार से काम नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी
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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी