छिंदवाड़ाः माचागोरा कैचमेंट एरिया में पहली बार दुर्लभ माइग्रेटरी पक्षियों की उपस्थिति
छिन्दवाडा, 14 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में रविवार को माचागोरा कैचमेंट एरिया जमुनिया (छोटा महादेव) में आयोजित सार्वजनिक बर्ड वॉक कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर को और भी ऐतिहासिक बनाते हुए इस क्षेत्र में पहली बार कई दुर्लभ एवं प्
माचागोरा कैचमेंट एरिया में पहली बार दुर्लभ माइग्रेटरी पक्षियों की उपस्थिति


छिन्दवाडा, 14 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में रविवार को माचागोरा कैचमेंट एरिया जमुनिया (छोटा महादेव) में आयोजित सार्वजनिक बर्ड वॉक कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर को और भी ऐतिहासिक बनाते हुए इस क्षेत्र में पहली बार कई दुर्लभ एवं प्रवासी पक्षियों का अवलोकन दर्ज किया गया, जिसने माचागोरा कैचमेंट एरिया को अंतरराष्ट्रीय प्रवासी पक्षी मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया है। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में अब तक कुल 55 प्रकार की पक्षी प्रजातियों की उपस्थिति दर्ज की जा चुकी है।

नेचर सफारी एवं अटावी वर्ल्ड फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में माचागोरा डेम के रमणीय कैचमेंट एरिया जमुनिया में बर्ड वॉचिंग एवं नेचर सफारी का सफल आयोजन किया गया। इस प्रकृति आधारित कार्यक्रम में शासकीय सेवक वेलफेयर सोसायटी छिंदवाड़ा एवं वायएचएआई सतपुड़ा यूनिट छिंदवाड़ा के कुल 24 सदस्यों ने, सोसायटी के सचिव हिमांशु जायसवाल के साथ उत्साहपूर्वक सहभागिता की।

रविवार प्रातः 06:00 बजे सभी प्रतिभागी एकत्रित होकर माचागोरा डेम के सुंदर कैचमेंट क्षेत्र जमुनिया पहुँचे, जहाँ सनराइज पॉइंट पर उगते सूर्य की लालिमा से सजी प्राकृतिक छटा ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अलौकिक दृश्य को देखकर सभी सदस्य रोमांचित हो उठे तथा सामूहिक छायाचित्र भी लिया गया। कड़ाके की ठंड के बीच चाय-बिस्कुट के साथ प्रकृति की गोद में बिताए गए ये क्षण सभी के लिए अविस्मरणीय रहे।

इसके बाद दल द्वारा छोटा महादेव जमुनिया स्थित प्राचीन मंदिर में दर्शन किए गए। वर्ड वॉचिंग के दौरान पक्षी विशेषज्ञ मनीषा परिहार (सतपुड़ा साइंस एजुकेशन एवं वेलफेयर सोसायटी) एवं गाइड रोहित यादव द्वारा पक्षी अवलोकन की विधि, दूरबीन के सही उपयोग तथा पक्षियों के व्यवहार एवं संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।

लगभग 1.5 किलोमीटर की वॉकिंग ट्रेल में कुल 36 प्रकार की पक्षी प्रजातियों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया गया। इस दौरान गार्गेनी, कॉमन रिंग्ड प्लोवर, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, ओरिएंटल हनी बजर्ड), रूडी शेलडक एवं ब्लू-थ्रोट जैसे दुर्लभ प्रवासी पक्षियों की प्रथम उपस्थिति दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त रेड स्टार्ट, ग्रे हेरन, परपल हेरन, रिवर टर्न, ब्लैक हेडेड आइबिस, ईग्रेट, स्टॉर्क-बिल्ड किंगफिशर, ब्लैक ड्रोंगो सहित अनेक आकर्षक पक्षियों को नजदीक से देखा गया। साथ ही बया पक्षी के सुंदर घोंसलों ने सभी का विशेष ध्यान आकर्षित किया।

कार्यक्रम के दौरान मोहित सूर्यवंशी द्वारा ड्रोन फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी के माध्यम से क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता, पक्षी विविधता एवं कैचमेंट एरिया के मनोहारी दृश्यों को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से संकलित किया गया, जिससे माचागोरा कैचमेंट क्षेत्र की प्राकृतिक विरासत को व्यापक जन-सामान्य तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण योगदान मिला। इस बर्ड वॉचिंग एवं नेचर सफारी का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना, पक्षी संरक्षण के लिए समाज को प्रेरित करना तथा बच्चों एवं युवाओं को नेचर एजुकेशन से जोड़ना रहा।

शासकीय सेवक वेलफेयर सोसायटी छिंदवाड़ा के अध्यक्ष सतीश गोंडाने ने कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले सभी सदस्यों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से प्रकृति संरक्षण की भावना सशक्त होती है तथा समाज में पर्यावरण के प्रति सकारात्मक सोच विकसित होती है। उन्होंने इस ऐतिहासिक एवं सराहनीय प्रयास की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर