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धमतरी, 14 दिसंबर (हि.स.)। नगर निगम में हाल ही में स्थापित नई मशीन में शार्ट सर्किट के चलते पैनल बोर्ड में आग लगने की गंभीर घटना सामने आई है। गनीमत रही कि मौके पर कार्यरत कर्मचारी समय रहते सुरक्षित बाहर निकल गए, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना ने नगर निगम की कार्यप्रणाली और सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले को लेकर कांग्रेसी पार्षदों ने निगम प्रशासन पर लापरवाही और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
रविवार काे फिल्टर प्लांट के निरीक्षण पर पहुंचे नगर निगम में उपनेता प्रतिपक्ष सत्येन्द्र देवांगन ने कहा कि यह घटना अधिकारियों की घोर लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि घटिया और खराब गुणवत्ता की मशीन खरीदे जाने के कारण न केवल पेयजल व्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि कर्मचारियों की जान भी जोखिम में पड़ गई। यह मामला अत्यंत गंभीर है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो सके। कांग्रेसी पार्षद सुमन मेश्राम ने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि मशीन मात्र दो माह में ही खराब हो गई, तो उसकी गुणवत्ता जांच, तकनीकी परीक्षण और खरीद की प्रक्रिया किसके निर्देश पर और किसकी जिम्मेदारी में की गई। उन्होंने कहा कि यह घटना नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही को उजागर करती है, जिसका खामियाजा आज आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
वहीं पार्षद पूर्णिमा रजक ने कहा कि मशीन खराब होने के कारण शहर की पेयजल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई वार्डों में पानी की किल्लत के चलते नागरिक परेशान हैं और पानी के लिए भटकने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम प्रशासन को जनता की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं है और उनकी कार्यप्रणाली केवल कागजी औपचारिकताओं तक सीमित रह गई है, जबकि जमीनी स्तर पर हालात बेहद गंभीर हैं। कांग्रेस पार्षदों ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। निरीक्षण के दौरान पूर्व पार्षद सोमेश मेश्राम एवं गजानंद रजक भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा