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उमरिया, 13 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में एनएच-43 के नजदीक कथली नदी के किनारे शनिवार को जंगल में संदिग्ध परिस्थितियों में वयस्क बाघ का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया।
बाघ का शव पड़े होने की सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर मौत के कारणों का पता लगाने की कोशिश करने में लग गया है।
इस मामले में जब एसडीओ वन कुलदीप त्रिपाठी एवडीएफ ओ विवेक सिंह को फोन लगाया गया तो दोनों ने फोन नहीं उठाया वहीं बाघ की मौत भी संदिग्ध नजर आ रही है, प्रथम दृष्टया जहर खुरानी जैसा मामला लग रहा है, हालांकि अभी तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है, वन विभाग डाक्टरों की टीम एवं डॉग स्क्वाड का इंतजार करने में लगी है।
बाघ का शव जहां पाया गया है, वह उमरिया सामान्य वन मंडल के चंदिया रेंज के चंदिया बीट के कक्ष क्रमांक आर एफ 10 कथली नदी का किनारा है, सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन दिनों बाघों की गणना की जा रही है, पूरे जंगल में कर्मचारी फैले हुए हैं और उसके बाद हाइवे से कुछ ही दूरी पर बाघ का संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिलना वन विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान लगा रहा है।
गौरतलब है कि उमरिया जिले में वन विकास निगम और टाइगर रिजर्व का क्षेत्र काफी बड़ा है तो वहीं सामान्य वन मंडल का क्षेत्र काफी छोटा होने एवं वन अमला काफी बड़ा होने के बाद भी बाघ की मौत होना संदिग्ध होने के साथ वन विभाग को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुरेन्द्र त्रिपाठी