इंदौर में विश्‍व की सबसे बड़ी एलुमनी मीट, देशभर से जुटेंगे पूर्व छात्र
इंदौर, 13 दिसंबर (हि.स.)। मध्‍य प्रदेश के इंदौर एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है। पिछले वर्ष विश्व की सबसे बड़ी एलुमनी मीट आयोजित करने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व छात्र 20 दिसंबर 2025 को फीनिक्स मॉल में नवोत्सव 4 के लिए जुटेंगे। इस बार
इंदौर में विश्‍व की सबसे बड़ी एलुमनी मीट, देशभर से जुटेंगे पूर्व छात्र


इंदौर, 13 दिसंबर (हि.स.)। मध्‍य प्रदेश के इंदौर एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है। पिछले वर्ष विश्व की सबसे बड़ी एलुमनी मीट आयोजित करने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व छात्र 20 दिसंबर 2025 को फीनिक्स मॉल में नवोत्सव 4 के लिए जुटेंगे। इस बार देश-विदेश से 5,000 से अधिक पूर्व नवोदयन छात्र शामिल होने की संभावना है।

कार्यक्रम में सहभागी छात्र पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए 5,000 पेड़ लगाने का संकल्प लेंगे।

इस एलुमनी मीट में सांसद, IAS, IPS, डॉक्टर, इंजीनियर, CA, CS समेत कई उद्योगपति और पेशेवर पूर्व छात्र शामिल होंगे। सभी अपनी पुरानी यादें साझा करेंगे और नवोदय के अनुभवों को फिर से जीएंगे।

इस आयोजन का संचालन मध्यप्रदेश एलुमनी एसोसिएशन ऑफ नवोदय (मान) द्वारा किया जा रहा है। यह इस तरह का चौथा राष्ट्रीय आयोजन है, जिसमें जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर उत्तर-पूर्व तक, देश के हर हिस्से से नवोदयन शामिल होंगे।

मान के प्रवक्ता ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी एलुमनी मीट में समाज कल्याण से जुड़ा संकल्प लिया जाएगा। अभी तक 5,000 से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कर लिया है, और जितने प्रतिभागी शामिल होंगे उतने ही पेड़ लगाने का संकल्प लिया जाएगा।

इस भव्य आयोजन के प्रबंधन की जिम्मेदारी 250 से अधिक छात्रों को सौंपी गई है।

मान के प्रवक्ता के मुताबिक, यह 8 घंटे का कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित होगा। दोपहर 2 से 6 बजे तक एलुमनी आपसी मुलाकात और संवाद सत्र में हिस्सा लेंगे। शाम 6 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू होंगे, जिनमें स्टैंड-अप कॉमेडियन अपूर्व गुप्ता, स्टोरीटेलर रणमल जैन, द कबीर स्टूडियो बैंड और डीजे बनी एंड टीम अपनी प्रस्तुति देंगे।

जवाहर नवोदय विद्यालय की पृष्ठभूमि

जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) की स्थापना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और आवासीय शिक्षा प्रदान करना था। पहले दो विद्यालय 1985-86 में झज्जर (हरियाणा) और अमरावती (महाराष्ट्र) में स्थापित किए गए थे। आज पूरे देश में 650 से ज्यादा नवोदय विद्यालय हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा