अधिवक्ताओं का सम्मान बरकरार रखे जाने की होगी प्राथमिकता— योगेंद्र ओझा
अजमेर जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष पर ओझा बहुमत से निर्वाचित अजमेर, 13 दिसम्बर(हि.स.)। अजमेर जिला बार एसोसिएशन के नव निर्वाचित अध्यक्ष योगेंद्र ओझा ने कहा कि अधिवक्ताओं का सम्मान बरकरार रखे जाने को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में
अधिवक्ताओं का सम्मान बरकरार रखे जाने की होगी प्राथमिकता— योगेंद्र ओझा


अजमेर जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष पर ओझा बहुमत से निर्वाचित

अजमेर, 13 दिसम्बर(हि.स.)। अजमेर जिला बार एसोसिएशन के नव निर्वाचित अध्यक्ष योगेंद्र ओझा ने कहा कि अधिवक्ताओं का सम्मान बरकरार रखे जाने को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अधिक्ताओं के लिए अदालत में बैठने का स्थान भी सुनिश्चित नहीं है। करोड़ों रुपये की लागत से बने अजमेर जिला न्यायालय के नए भवन में अधिवक्ताओं को बैठने के लिए भी उपयुक्त स्थान नहीं है यह अधिवक्ताओं के सम्मान के खिलाफ है।

उन्होंने जीतने के बाद मीडिया के सामने सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त किया एवं अदालत में उपस्थित महिला एडवोकेट के आगे शीष झुकाकर प्रणाम किया। तत्पश्चात वे शिवमंदिर में ढ़ोक लगाने गए। इस दौरान पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत एवं डिप्टी मेयर अजमेर एडवोकेट नीरज जैन ने उन्हें माला पहना कर बधाई दी। ओझा के जीतने के साथ ही न्यायालय परिसर में नारे गूंजने लगे। अधिवक्ताओं ने ओझा को कंधे पर बैठा कर न्यायालय परिसर का चक्कर लगवाया।

अध्यक्ष पद के लिए जिन चार उम्मीदवारों में संघर्ष था उनमें अजय त्रिपाठी, राजेन्द्र, सत्यनारायण एवं योगेन्द्र ओझा प्रमुख थे। जिला बार एसोसिएशन के चुनाव में कुल 1550 मतदाताओं को मतदान करना था। मतदान के बाद शनिवार को हुई मतगणना में योगेन्द्र ओझा शुरू से ही बढ़त लिए हुए थे। उन्होंने 1200 मतों की मतगणना तक करीब 417 मत प्राप्त कर अपनी जीत सुनिश्चित कर ली थी। उनके प्रतिद्वंद्वियों में अजय त्रिपाठी को 298, राजेन्द्र को 191 और सत्यनारायण को 283 मत प्राप्त हुए थे।

उपाध्यक्ष पद पर अशोक, जगत एवं संदीप चुनाव मैदान में रहे यहां कांटे की टक्कर बनी रही। सचिव पद पर भानु प्रताप, दिनेश, राजेन्द्र, रूपेन्द्र एवं सुरेन्द्र चुनाव मैदान में थे। यहां रूपेन्द्र ने बढ़त बनाए रखी थी। संयुक्त सचिव पद पर देवीसिंह की पियूष जैन से टक्कर थी यहां पियूष जैन एक तरफा बढ़त बनाए हुए थे। कोषाध्यक्ष पद पर भगवानदास की घनश्याम से टक्कर थी इस पद पर भगवानदास 608 मतों के साथ 1200 मतों की गिनती तक बढ़त बनाए हुए थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष