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जोधपुर, 13 दिसम्बर (हि.स.)। प्रदेश के किसानों के लिए खुश खबर है। पश्चिमी राजस्थान में पहला कृषि मशीनरी परीक्षण केन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर में स्थापित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो डॉ वीएस जैतावत ने शनिवार को केंद्र की स्थापना के लिए विश्वविद्यालय की सावंत कुआं स्थित कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग में भूमि पूजन किया।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में बीकानेर एवं उदयपुर में इसके केंद्र स्थापित है। पश्चिमी राजस्थान में यह पहला केंद्र होगा। अकसर छोटे कृषि उपकरणों के निर्माता दूरी और अन्य समस्याओं के साथ-साथ परीक्षण रिपोर्टों की लंबी लंबित सूची के कारण राज्य में मौजूद प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर और बीकानेर या देश के अन्य केंद्रों तक नहीं पहुंच पाते हैं। इसलिए निर्माताओं व किसानों की समस्या को देखते हुए जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय में कृषि मशीनरी परीक्षण केंद्र की स्थापना की जा रही है। इस से अधिक से अधिक कृषि उपकरणों के गुणवत्ता परीक्षण में सहायता मिलेगी। साथ ही राज्य के किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि मशीनें उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी।
ये होंगे केंद्र के प्रमुख कार्य :
कृषि मशीनरी परीक्षण केंद्र के मुख्य कार्य मशीनों की कार्यात्मक उपयुक्तता और प्रदर्शन का आकलन करना, गुणवत्ता नियंत्रण करना, मानक तैयार करना, निर्माताओं को प्रमाणन देना ताकि सही मशीन का चुनाव हो सके और कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ावा मिले। ये केंद्र मशीनों के उचित चयन, रखरखाव और नवीनतम तकनीकों के प्रचार-प्रसार में मदद करते हैं, जिससे किसानों को बेहतर उपकरण मिलें और उत्पादन बढ़े।
केंद्र की स्थापना प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत :
सीटीएई के डीन डॉ. एमएम कुमावत ने बताया कि केंद्र की स्थापना प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत की जा रही है। परियोजना की अवधि 5 वर्ष है। परियोजना की लागत पहले वर्ष में 97.2 लाख रुपये, दूसरे वर्ष में 173.06 लाख रुपये, तीसरे वर्ष में 139.20 लाख रुपये, चौथे वर्ष में 94.20 लाख रुपये और अंत में 54.20 लाख रुपये होगी। परियोजना के प्रमुख अन्वेषक डॉ. नरेंद्र है, साथ ही साल भर में इस केंद्र को स्थापित कर सुचारू रूप से कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि केंद्र की स्थापना से विश्वविद्यालय की आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी। भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान की वित्त नियंत्रक मेवाराम बालन, भू संपदा अधिकारी संतोष चौधरी सहित विश्वविद्यालय के सभी डीन, निदेशक, अधिकारीगण व सीटीएई के सदस्य मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश