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अनूपपुर, 13 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र के ग्राम कोठी में शनिवार को अदाणी ग्रुप की परियोजना से जुड़ी कंपनी के ठेकेदार पर स्थानीय श्रमिकों के शोषण का आरोप लगाते हुए उमरदा, मंटोलिया और मझौली गांवों के ग्रामीणों ने इस कंपनी के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। मौके पर भारी पुलिस बल रहा मौजूद रहें। वही दोपहर बाद अदाणी कम्पनी के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुँच उन्हें कार्यवाही के अश्वासन देते हुए प्रदर्शन को कराया खत्म।
ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी उनसे 8 घंटे के बजाय 12 घंटे काम लेती है, लेकिन सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार मजदूरी का भुगतान नहीं करती। इसके अतिरिक्त, कई स्थानीय श्रमिकों को बाद में काम से निकाल दिया गया है। श्रमिकों ने समय पर वेतन न मिलने की शिकायत भी की है। प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय मजदूरों ने यह भी बताया कि कंपनी का कहना है कि स्थानीय लोगों के लिए कोई काम नहीं है। रोजगार केवल बाहरी मजदूरों तथा परियोजना से प्रभावित किसानों को ही मिलेगा।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कम्पनी के द्वारा हेबी ब्लास्टिंग की जाती है जिससे घरों पर आ रही दरारे साथ ही मजदूरों का शोषण व मजदूरी भुगतान में सीएसआर फंड और भत्ते की राशि नहीं दी जा रही है। इसके अलावा, स्थानीय लोगों को रोजगार देने का भी वादा पूरा नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने पावर प्लांट के सामने धरने पर बैठे वही कम्पनी के अधिकारियों द्वारा दिया जा रहा अस्वासन वही ग्रामीणों का कहना है कि इस पर लिखित पर समझौता हो।
कंपनी में कार्यरत अखिलेश कुमार ने बताया कि तीन महीने पहले ही कई मुद्दों को लेकर एक मांग पत्र सौंपा गया था। इसमें स्थानीय लोगों को रोजगार, भत्ता और हैवी ब्लास्टिंग रोकने की मांग शामिल थी, क्योंकि हैवी ब्लास्टिंग से उनके घर प्रभावित हो रहे हैं। इन सभी मांगों को लेकर तीन माह पहले कंपनी के अधिकारियों को जानकारी दी गई थी, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। मांगों के पूरा न होने पर ग्रामीण आज विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मौके पर एसडीएम अजीत तिर्की सहित तहसीलदार मौजूद रहे।
नायब तहसीलदार बिजुरी धनीराम ठाकुर ने बताया कि कंपनी के अधिकारियों से चर्चा करने के उपरांत निर्देश दिए गए हैं कि जिन प्रभावितों की जमीन अधिग्रहण की गई है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर मुआवजा वितरण किया जाए एवं उन्हें रोजगार मुहैया करवाते हुए स्थानीय लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करवाया जाये एवं शासन के निर्देशानुसार काम लिया जाये एवं उनके पारिश्रमिक का भुगतान समय पर किया जाये।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला