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सीहोर, 13 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश सीहोर जिले में जिला न्यायालय परिसर सहित जिले की सभी तहसील स्तरीय स्तरीय खंडपीठों पर शनिवार को वर्ष 2025 की अंतिम नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई। जिला न्यायालय परिसर में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष प्रकाश चंद्र आर्य ने नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों का निराकरण हुआ है और वर्ष 2025 में आयोजित नेशनल लोक अदालतों में सर्वाधिक पारिवारिक प्रकरणों का निराकरण कर परिवारों को मिलाने का कार्य किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव स्वप्नश्री सिंह ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित खण्डपीठों में नेशनल लोक अदालत मे आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराये जाने हेतु लंबित कुल 901 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर किया गया और समझौता राशि 07 करोड़ 77 लाख 38 हजार 968 रुपये जमा कराई गई। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खण्डपीठ के समक्ष कुल 3,257 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया और समझौता राशि 04 करोड़ 02 लाख 18 हजार 244 रुपये जमा कराई गई। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 4,158 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें रुपये 11 करोड़ 79 लाख 57 हजार 212 रूपये समझौता राशि जमा हुई।
सर्वाधिक पारिवारिक मामलों का निराकरण - अलग रह रहे पति-पत्नि खुशी-खुशी घर लौटे
निर्मलाबाई एवं पति आनंद मेवाड़ा के पारिवारिक विवाद का मामला लोक अदालत पहुंचा। दोनो के दो पुत्रियां और एक पुत्र है। मतभेद ज्यादा हो जाने से पति व पत्नि अलग-अलग रहने लगे और पत्नी निर्मलाबाई ने कुटुम्ब न्यायालय में भरण-पोषण का दावा लगा दिया। न्यायालय में भरण-पोषण का दावा विचाराधीन होने से न्यायालय में दोनो को समझाइश देने के बाद वह साथ रहने के लिये तैयार हुये। दोनो पुत्रियों और एक पुत्र के अच्छे भविष्य के लिये दोनो को समझाईश देकर मिलाया गया।
इसी प्रकार एक प्रकरण में पति-पत्नि के मध्य छोटी-मोटी पारिवारिक बातों को लेकर वह अलग-अलग रहने लगे। इस प्रकरण में पारिवारिक मामला तथा भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रधान न्यायाधीश न्यायालय वैभव मण्डलोई सीहोर द्वारा लोक अदालत में समझाइश के पश्चात् दोनो पक्षों ने राजीनामा कर साथ जाने पर सहमति व्यक्त की।
पति-पत्नी के मध्य हुआ राजीनामा
शिकायतकर्ता निशा कनेरिया एवं पति जीवन सिंह के के मध्य विवाद का मामला नेशनल लोक अदालत में रेफर किया गया एवं दोनों पक्षों को बुलाकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनीता गुप्ता द्वारा समझाइश दी गई। प्रधान जिला न्यायाधीश ने भी दोनो को समझाइश दी, इसके परिणामस्वरूप दोनो पक्ष अपने मामले को लोक अदालत के माध्यम से निराकृत कराने के लिए सहमत हो गए। इस अवसर प्रधान जिला न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को पौधे प्रदान कर एवं माला पहनवाकर राजीनामा कराया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर