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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की दिल्ली इकाई इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती ने महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती की जयंती और भारतीय भाषा दिवस के अवसर पर गुरुवार को बहुभाषी कविता-पाठ का भव्य आयोजन किया। यह कार्यक्रम दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित संस्कार भारती सभागार में सम्पन्न हुआ।
देशभर की दस भारतीय भाषाओं-ओड़िया, तमिल, पंजाबी, कन्नड़, उर्दू, डोगरी, असमिया, गुजराती, सिंधी और संस्कृत के प्रमुख कवियों ने अपनी-अपनी मातृभाषाओं में काव्य-पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कविता-पाठ से पहले सभी कविताओं का हिन्दी भावार्थ प्रस्तुत किया गया, जिससे श्रोताओं ने भिन्न-भिन्न भाषाओं की रचनात्मकता का सहज आनंद लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार विनोद बब्बर ने कहा कि यह आयोजन भारतीय भाषाओं को निकट लाने का सार्थक प्रयास है। उन्होंने बताया कि भारतीय भाषा दिवस को सुब्रह्मण्यम भारती की जयंती पर मनाने की पहल वर्तमान सरकार ने इसलिए की है ताकि देश की सभी भाषाओं में परस्पर समरसता और सहयोग बढ़ सके।
सुब्रह्मण्यम भारती सभी भारतीय भाषाओं के प्रति सम्मान और अनुराग के लिए प्रसिद्ध थे। काशी में शिक्षा प्राप्त करने वाले भारती ने ‘वंदे मातरम्’ का तमिल अनुवाद किया था और अपनी तमिल पत्रिका इंडिया में हिन्दी साहित्य के लिए विशेष स्थान दिया करते थे।
इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मनोज कुमार सहित कई साहित्यकार, कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी