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अशोकनगर 11 दिसम्बर(हि.स.)। मध्य प्रदेश के अशोकनगर में माता-पिता और पुत्री के रिश्ते को शर्मसार करने वाले एक प्रकरण में अदालत ने कलयुगी सौतेले पिता को अपनी नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म करने का दोषी मानते हुए और मां को दुष्कर्म के लिए प्रेरित करने पर दोनो माता और पिता को 20-20 साल की सजा सुनाई है।
विशेष अदालत (पॉक्सो एक्ट) द्वारा गुरुवार को नाबालिक बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले कलयुगी सौतले पिता एवं दुष्कर्म के लिए प्रेरक रही बालिका की मां दोनों को 20-20 साल के उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी एडीपीओ/ विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह यादव एवं जिला अभियाजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव के निर्देशन में की गई।
मीडिया सेल प्रभारी जिला अभियोजन संचालनालय ने बताया कि पीडि़ता ने थाने आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी मां एव सौतले पिता के साथ रहती है। घटना दिनांक को रात के समय अपने बिस्तर पर सोने गई तो उसके साथ उसके सौतेले पिता ने जबरदस्ती दुष्कर्म किया तथा उससे कहा कि इस बारे किसी को बताया तो तुझे जान से खत्म कर दूंगा। उक्त घटना से पूर्व भी उसके सौतेले पिता द्वारा उसके साथ दो बार गलत काम किया था। डर के कारण पीडि़ता ने उक्त बात किसी को नहीं बताई थी। पीडि़ता की उक्त शिकायत पर से थाने में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान पीडि़ता के पूरक कथन लिए गए। पूरक कथन एवं अदालत कथन में पीडि़ता द्वारा यह व्यक्त किया कि उसने घटना के बारे में पूर्व में अपनी मां को बताया था परंतु उसकी मां द्वारा उसका पक्ष न लेकर उसके सौतेले पिता का पक्ष लेते हुये एवं पीडि़ता को डांटते हुये मारने की धमकी दी थी। पीडि़ता के उक्त कथन एवं विवेचना में अन्य साक्ष्य के आधार पर मामले में पीडि़ता की मां को सह आरोपी बनाया गया। अनुसंधान के दौरान डीएनए परीक्षण हेतु रक्त सेंपल लेकर प्रयोगशाला भेजे गये थे। जिसकी रिपोर्ट सकारात्मक प्राप्त हुई। प्रकरण में संपूर्ण विवेचना के उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र विचारण हेतु अदालत पॉक्सो एक्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अदालत ने आरोपीण मां-पिता को प्रकरण में दोषी पाते हुये उनके विरूद्ध दोषसिद्धि का निर्णय पारित किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / देवेन्द्र ताम्रकार