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- महिला नक्सली पर घोषित था 14 लाख रुपये का इनाम, मुख्यमंत्री ने पुलिस बल को दी बधाई
भोपाल, 02 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश शासन द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण और पुनर्वास की नीति पर अमल के उत्साहजनक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। प्रदेश के बालाघाट जिले में एक हार्डकोर सशस्त्र महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है। उक्त महिला नक्सली पर 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बालाघाट जिले में महिला नक्सली के आत्म समर्पण पर पुलिस बल को बधाई दी है। उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा कि नक्सली गतिविधियों के नियंत्रण के संबंध में पूर्व में भी मध्य प्रदेश पुलिस को काफी सफलता मिली है। मध्य प्रदेश द्वारा अपनाई गई प्रभावी आत्मसमर्पण नीति के परिणामस्वरूप यह पहला आत्मसमर्पण हुआ है। प्रदेश में इसके पूर्व भी नक्सलियों ने समर्पण किया है। इसके साथ ही नक्सलियों को मारने में भी राज्य के पुलिस बल को निरंतर सफलता मिली है। प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृह मंत्री के मार्गदर्शन में नक्सल नियंत्रण का लक्ष्य प्राप्त करेंगे।
पुलिस मुख्यालय द्वारा रविवार को जानकारी दी गई कि बालाघाट जिले के लांजी थाना क्षेत्र के चौरिया कैम्प अंतर्गत महिला नक्सली सुनीता पुत्री बिसरू ओयाम, निवासी गोमवेटा, तहसील भैरमगढ़, जिला बीजापुर (छत्तीसगढ़) ने गत दिवस शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और भारत के संविधान पर विश्वास जताते हुए जिला पुलिस बालाघाट के समक्ष अपने हथियार इंसास राइफल, 3 मैगज़ीन, 30 जिंदा राउंड एवं यूबीजीएल शेल के साथ आत्मसमर्पण किया।
बताया गया कि नक्सली सुनीता मलाजखंड दर्रेकसा दलम में एसीएम थी और मध्य प्रदेश, गोंदिया एवं राजनांदगांव (जीआरबी) डिविजन में सक्रिय थी। उसके विरुद्ध छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कुल 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सुनीता वर्ष 2022 में माओवादी संगठन से जुड़ी थी तथा छत्तीसगढ़ के माड़ क्षेत्र में छह माह का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सीसी सदस्य रामदेर की गार्ड के रूप में कार्यरत रही। यह मध्य प्रदेश आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023 के अंतर्गत पहला आत्मसमर्पण है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में आगामी वर्ष तक नक्सल नियंत्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में मध्य प्रदेश सजग है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस को इस सफलता पर बधाई देते हुए आशा की है कि नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा और हमारे पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की नक्सल गतिविधियों के संदर्भ में प्रदेश में होने वाली किसी भी छोटी सी गतिविधि को भी नियंत्रित करने में हम पूरी तरह सफल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 10 महीने में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों को निष्क्रिय किया गया है। पुलिस आउटरीच प्रोग्राम के भी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। राज्य सरकार ने सॉफ्ट टच अप्रोच के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास के रास्ते भी खोले हैं। वर्ष 1992 के बाद पहली बार अन्य राज्य के किसी सशस्त्र नक्सली कैडर ने मध्य प्रदेश शासन के सामने आत्मसमर्पण किया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले 10 महीनों में मध्य प्रदेश में 1.46 करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों को न केवल निष्क्रिय किया गया है, बल्कि राज्य सरकार सॉफ्ट टच एप्रोच के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास के रास्ते भी खोल रही है। डीजीपी कैलाश मकवाणा के नेतृत्व में पिछले समय से लगातार चल रहे पुलिस आउटरीच प्रोग्राम के परिणामस्वरूप, सशस्त्र नक्सली सुनीता ने आत्मसमर्पण के लिए यह पहला कदम उठाया है। मध्यप्रदेश पुलिस आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023 के प्रावधानों के तहत आत्मसमर्पण कर सशस्त्र आंदोलन को छोड़ कर मुख्य धारा में आने वालों को सभी लाभ दिलाने के लिए कटिबद्ध है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर