(अपडेट) मध्‍य प्रदेश में मदरसे से बरामद हुआ नकली नोटो का जखीरा, 19 लाख से अधिक की है भारतीय करेंसी
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नकली करेंसी का ऐसा जखीरा


खंडवा, 02 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नकली करेंसी का ऐसा जखीरा बरामद हुआ है, जिसने पुलिस और प्रशासन को हैरान कर दिया। जावर थाना क्षेत्र के ग्राम पैठियां (मछौड़ी रैय्यत) स्थित एक मदरसे में लाखों रुपये के नकली नोट मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। मस्जिद में इमाम के रूप में तैनात जुबेर पिता अशरफ अंसारी के कमरे से पुलिस ने 19 लाख 78 हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए। कार्रवाई महाराष्ट्र पुलिस की सूचना पर की गई, जिसने पहले मालेगांव में जुबेर और उसके साथी नजीम अकम अयूब अंसारी को नकली नोटों के साथ पकड़ा था। अब दोनों राज्यों की पुलिस इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने में जुटी है।

हाईवे पर पकड़े गए दो आरोपी, बैग से मिले 10 लाख के नकली नोट

मालेगांव पुलिस ने शुक्रवार को मुंबई-आगरा हाईवे पर होटल एवन के पास एक कार से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। दोनों के पास से 500 रुपए मूल्य के 2000 नोट (कुल 10 लाख रुपए), दो मोबाइल और एक बैग जब्त किया गया। जांच में नोट पूरी तरह से नकली पाए गए। गिरफ्तार आरोपियों में जुबेर पिता अशरफ अंसारी और नजीम अकम अयूब अंसारी शामिल हैं, जो दोनों बुरहानपुर जिले के निवासी हैं। पुलिस ने दोनों पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं 179, 180 और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर आठ दिन की पुलिस कस्टडी में लिया है।

जावर के व्यक्ति ने पहचाना मस्जिद का इमाम

मालेगांव में हुई गिरफ्तारी की खबर जैसे ही मीडिया में आई, जावर थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने रिपोर्ट में आरोपी जुबेर का नाम देखा और पहचान लिया कि वही व्यक्ति पैठियां की मस्जिद में इमाम है। उसने तुरंत जावर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क कर पुष्टि की कि गिरफ्तार आरोपी वही जुबेर है जो पैठियां की मस्जिद में नमाज पढ़ाता है। सूचना मिलते ही खंडवा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मदरसे में तलाशी अभियान शुरू किया।

मदरसे की ऊपरी मंजिल से मिला नकली नोटों से भरा बैग

डीएसपी हेडक्वार्टर अनिल सिंह चौहान, टीआई सुलोचना गहलोद और जावर थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस ने मदरसे में छापा मारा। तलाशी के दौरान जुबेर के कमरे में रखा एक बैग मिला, जिसमें नकली नोटों के बंडल भरे हुए थे। शुरुआती गिनती में 12 लाख रुपए की नकली करेंसी पाई गई, लेकिन बाद में यह राशि 19 लाख 78 हजार रुपए निकली। बरामद नोट 500 और 2000 रुपए मूल्य वर्ग के थे, जिनमें से कई नोट इतने असली जैसे दिख रहे थे कि पहचानना मुश्किल था।

तीन महीने पहले बना था इमाम, गांववालों को नहीं था शक

पुलिस जांच में पता चला कि जुबेर मूल रूप से बुरहानपुर जिले के हरिपुरा क्षेत्र का निवासी है। वह पैठियां मदरसे की ऊपरी मंजिल पर किराए के कमरे में रह रहा था। मस्जिद के सदर कलीम खान ने बताया कि जुबेर तीन महीने पहले इमाम के रूप में रखा गया था। इससे पहले वह बेनपुरा डोंगरी गांव में नमाज पढ़ाने का काम करता था, लेकिन वहां किसी अन्य इमाम के आने के बाद उसकी छुट्टी हो गई थी। सदर ने कहा कि जुबेर शांत स्वभाव का था, और किसी को अंदाजा नहीं था कि वह ऐसे गैरकानूनी काम में शामिल हो सकता है।

पुलिस का मानना है कि यह केवल एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि नकली नोटों की तस्करी करने वाले बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। महाराष्ट्र पुलिस की पूछताछ में जुबेर ने बताया था कि नकली नोटों का कुछ हिस्सा खंडवा के मदरसे में रखा गया है। इस खुलासे के बाद पुलिस को शक है कि यह गिरोह बुरहानपुर, खंडवा और मालेगांव तक फैला हो सकता है। अब पुलिस इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दे रही है।

एफएसएल जांच से पता चलेगा नोटों का स्रोत और तकनीक

खंडवा पुलिस ने बरामद नकली करेंसी को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेजने की तैयारी कर ली है। एफएसएल यह जांच करेगा कि ये नोट कहां छापे गए और किस तकनीक का उपयोग किया गया। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह नेटवर्क राज्य सीमाओं से बाहर तक फैला हो सकता है और संभव है कि अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय गिरोह इससे जुड़ा हो। पुलिस अब इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह करेंसी किन स्थानों पर सप्लाई की जानी थी।

गांव में मचा हड़कंप, लोगों में फैली दहशत

इस घटना के बाद पैठियां गांव में दहशत का माहौल है। जैसे ही लोगों को पता चला कि मदरसे में नकली नोटों का भंडार मिला है, बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां एकत्र हो गए। लोग यह जानकर हैरान रह गए कि उनके बीच नमाज पढ़ाने वाला व्यक्ति इतने बड़े अपराध में शामिल हो सकता है। पुलिस ने क्षेत्र में सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है और मदरसे से जुड़ी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।

संयुक्त जांच से जुड़ेगी कड़ियां, बड़े खुलासे की उम्मीद

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश पुलिस की संयुक्त जांच टीम अब इस नेटवर्क की पूरी कड़ी जोड़ने का प्रयास कर रही है। आरोपियों के मोबाइल फोन, दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए गए हैं ताकि उनके संपर्क सूत्रों और आर्थिक लेन-देन का पता लगाया जा सके। पुलिस को उम्मीद है कि एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि नकली करेंसी भारत में बनाई गई या विदेश से लाई गई है।

एसपी बोले, पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना प्राथमिकता

खंडवा पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना हमारी प्राथमिकता है। “हम हर पहलू से जांच कर रहे हैं। बरामद नोटों की तकनीकी जांच के बाद और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। यह नेटवर्क राज्य सीमाओं से बाहर तक फैला हो सकता है, इसलिए अंतरराज्यीय समन्वय भी बढ़ाया गया है।”

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी