गावों में छ्प्पर-बदलते समय के साथ लुप्त हो रही है देशी छांव की विरासत
अब नहीं दिखते पर्यावरण के लिए प्रभावी ''वो छप्पर सीतापुर , 19 नवंबर (हि.स.)। कभी गांवों की पहचान रहे घास और पतावर से बने छप्पर अब इतिहास के पन्नों में दर्ज होते जा रहे हैं। मिट्टी की दीवारों पर टिकी यह देसी छत — जो गर्मी में ठंडी, सर्दी में गर्म

Invalid email address

विस्तृत खबर के लिए हिन्दुस्थान समाचार की सेवाएं लें।

संपर्क करें

हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी एम-6, भगत सिंह मार्केट, गोल मार्केट, नई दिल्ली- 110001

(+91) 7701802829 / 7701800342

marketing@hs.news