दीपावली के साथ-साथ हर्षोल्लास से मनाई गई काली पूजा
मां छिन्नमस्तिका, मंदिरों में पूजा करते श्रद्धालु और मां काली की पूजा कराते  तस्वीर


रांची, 21 अक्टूबर (हि. स.)। झारखंड की राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में दीपावली के साथ-साथ सोमवार को काली पूजा भी हर्षोल्लास से मनायी गयी। दीपावली मनाने के बाद देर रात मां काली की निशाकाल में पूजा की गई। तांत्रिक और पारंपरिक विधि विधान से हुई मां काली की पूजा के दौरान बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

रांची के कोकर, हरमू, कडरू, कांके रोड, कचहरी चौक, डोरंडा सहित अन्य स्थानों पर पूजा पंडालों में श्रद्धालु देर रात तक जमे रहे।

रांची के मनिटोला में मांं काली मनोकामना मंदिर , वर्धमान कंपाउंड कॉसमॉस क्लब, इंदपुरी काली पूजा, चुटिया स्थित नव जागृति संघ, एसएन यादव चौक स्थित तूफान क्लब, श्री डोरंडा बाजार काली पूजा समिति सहित अन्य जगहों के पूजा पंडालों में मां काली की पूजा की गई। इसके अलावा भी देर रात तक अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। लोगों ने मंदिरों में दीये जलाकर सुख समृद्धि की कामना की।

वहीं, राजधानी रांची में दीपावली पर्व को लेकर चारों और उत्साह और हर्ष का माहौल देखा गया। पूरी रांची रोशनी से नहा उठी थी। घरों में दीये जले, बाहर बच्चों ने फुलझड़ियां और पटाखे छोड़े।

सोमवार को अहले सुबह तक लोगों ने जमकर पटाखे फोड़ दीपावली मनायी।

छिन्नमस्तिका मंदिर में तंत्र मंत्र की साधना और सिद्धि के लिए कई बड़े तांत्रिकों ने की पूजा

वहीं, रामगढ़ जिले के रजरप्पा स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ छिन्नमस्तिका मंदिर को दीपावली और काली पूजा को लेकर आकर्षक रंग बिरंगी लाइट एवं फूल सहित बैलून से सजाया गया था। सोमवार देर रात मंत्र से सिद्धपीठ स्थल छिन्नमस्तिका मंदिर परिसर गूंज रहा था।

पुजारी सुबोध पंडा ने बताया कि

छिन्नमस्तिका मंदिर दीपावली की रात भक्तों के लिए खुला था।साधक और भक्त बड़ी संख्या में मां की आराधना के लिए पहुंचे थे । तंत्र मंत्र की साधना और सिद्धि के लिए कई बड़े तांत्रिक और साधक यहां पहुंचे थे और पूजा अर्चना की ।

वही पुजारी लोकेश पंडा ने बताया

कार्तिक अमावस्या के दिन, जो भी भक्त मां से मांगते हैं माता उनकी मनोकामना जरूर पूरा करती है। मंदिर प्रक्षेत्र के तीन स्थान तांत्रिक घाट, दामोदर भैरवी नदी संगम स्थल, भंडारीदह यह तीन महत्वपूर्ण है, जहां साधक और तांत्रिक अपनी साधना को गुप्त रूप से करते हैं।

काली पूजा के मौके पर तांत्रिक, साधक और श्रद्धालुओं का रजरप्पा मंदिर में जुटान हुआ। दीपावली की रात छिनमस्तिका मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला रहा और पूरी रात मां की पूजा अर्चना हुई।

छिन्नमस्तिका मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो, इसके लिए सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए थे। रातभर बड़ी संख्या में अलग अलग जगहों से श्रद्धालु यहां पहुंचे और मां की आराधना की। श्रद्धालुओं ने 13 हवन कुंडों में यज्ञ, मंत्रोच्चारण, हवन, जाप और पाठ के साथ माता की आराधना हुई।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे