बहादुरगढ़ कि उत्तरी बाइपास निर्माण कार्य तेज, तीन हजार वृक्ष काटे जाएंगे
गांव बराही के निकट निर्माणाधीन उत्तरी बाइपास।


झज्जर, 21 अक्टूबर (हि.स.)। बहादुरगढ़ के उत्तरी बाइपास निर्माण की परियोजना अब तेजी से आगे बढ़ रही है। परियोजना के पहले चरण का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। अब दूसरे चरण को लेकर सिंचाई विभाग ने एस्टीमेट बनाना शुरू कर दिया है। फेज-2 में सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है। वन विभाग ने इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दे दी है। जिस ट्रेन के दोनों और यह सड़क बनाई जा रही है उसके किनारे खड़े करीब तीन हजार पेड़ों की कटाई जल्द ही शुरू होगी। इसके लिए वन विभाग ने सिंचाई विभाग से बजट मांगा है। वन विभाग को यह राशि देने के लिए सिंचाई विभाग ने मुख्यालय में पत्र भेज दिया है।

स्वीकृति मिलते ही वन विभाग में यह राशि जमा करा दी जाएगी। फेज-2 के लिए सरकार ने पहले ही 125 करोड़ का बजट पास कर रखा है लेकिन यह राशि कम रहने का हनुमान है। ऐसे में एस्टीमेट बनने के बाद ही पता चलेगा कि इस प्रोजेक्ट पर कितनी राशि खर्च होगी। फिलहाल ड्र्रेन की पैमाइश के लिए भी तहसीलदार व संबंधित अधिकारियो को पत्र भेजा गया है ताकि ड्रेन के अतिक्रमण को हटाया जा सके।

यह ड्रेन करीब 120 फीट चौड़ी है। वहीं उत्तरी बाइपास के प्रथम चरण रिटेनिंग वाल बनाने और इस्कॉन मंदिर के पास बॉक्स टाइप ट्रेन बनाने के लिए सिंचाई विभाग का करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। ड्रेन के दोनों तरफ 94 करोड़ की लागत से सड़क बनाई जाएगी जिसका टेंडर होने के बाद निर्माण कार्य भी लगभग पूरा होने को है। वहीं अब दूसरे चरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस परियोजना के तहत मुंगेशपुर ड्रेन और वेस्ट जुआं ड्रेन के किनारों पर सड़क और रिटेनिंग वाल बनाई जा रही है। पहले चरण में वेस्ट जुआं ड्रेन पर करीब 2.5 किलोमीटर लंबाई में दोनों किनारों पर रिटेनिंग वाल का काम लगभग पूरा हो चुका है।

सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता इशान सिवाच ने मंगलवार को बताया कि दूसरे चरण के काम से पहले वन विभाग ने मुंगेशपुर ड्रेन क्षेत्र में खड़े करीब तीन हजार वृक्षों की कटाई के लिए 1.29 करोड़ रुपये का बजट मांगा है। विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव बनाकर सिंचाई विभाग को भेजा है। इस राशि का उपयोग पेड़ों की कटाई और पुनःरोपण प्रक्रिया में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पेड़ों की कटाई के लिए स्वीकृति मिलने के बादए बाइपास निर्माण का अगला चरण शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में लगभग नौ किलोमीटर लंबाई के हिस्से पर 225 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किया जा रहा है। इसमें ड्रेन के दोनों ओर 94 करोड़ रुपये की लागत से सड़कें बनाई जा रही हैं।

इन सड़कों पर लाइटें लगाने और ड्रेनेज सिस्टम मजबूत करने का भी प्रावधान है। दूसरे चरण में आसौदा से नाहरा नाहरी रोड तक पहला हिस्सा और वहां से सेक्टर-9 बाइपास तक लगभग ढाई किलोमीटर लंबाई वाला हिस्सा शामिल है। इस भाग में करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे आरओबी ओवर बनाने का प्रस्ताव है जिसे पीडब्ल्यूडी द्वारा तैयार किया जाएगा। बहादुरगढ़ का उत्तरी बाइपास न केवल शहर के यातायात बोझ को कम करेगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों को भी बेहतर संपर्क सुविधा उपलब्ध करवाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज