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गुवाहाटी, 21 अक्टूबर (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा द्वारा लाखों चाय श्रमिकों को भूमि अधिकार प्रदान करने के लिए असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पेश करने की घोषणा के बाद समुदाय के लोगों में सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। ये बातें मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता रंजीब कुमार सरमा ने कही।
प्रदेश भाजपा मुख्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी भवन में पार्टी प्रवक्ता किशोर कुमार भट्टाचार्य और कल्याण गोगोई की उपस्थिति में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान लाखों बीघा ज़मीन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को 99 वर्षों के लिए औने-पौने दामों पर पट्टे पर दे दी गई, जिससे मज़दूर भूमिहीन हो गए। हालांकि, मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने ऐसी ज़मीन, जो पहले कंपनी मालिकों के पास थी, उसे मज़दूरों को सौंपने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस साहसिक निर्णय से चाय बागान समुदाय में सकारात्मक जागृति की लहर दौड़ गई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के केवल एक सप्ताह के भीतर ही दो लाख से ज़्यादा लोगों ने ज़िला आयुक्तों और सरकार द्वारा निर्धारित वेबसाइट के माध्यम से भूमि स्वामित्व के लिए आवेदन किया है। जनता का इतना बड़ा समर्थन वाकई अभूतपूर्व है। मुख्यमंत्री की दूरदर्शी पहल इस विशाल समुदाय को सामाजिक हाशिए से ऊपर उठाने और उन्हें राज्य के विकास की मुख्यधारा में एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
रंजीब कुमार सरमा ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा बहुराष्ट्रीय चाय कंपनियों के कब्ज़े वाली हज़ारों बीघा ज़मीन का स्वामित्व चाय श्रमिकों को सौंपने का निर्णय असम की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना को काफ़ी मज़बूत करेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय