साहित्यकार राजकमल चौधरी लिखित मछली मरी हुई उपन्यास का हुआ अंग्रेजी अनुवाद
सहरसा, 13 सितंबर (हि.स.)।साहित्यिक आसमान के चमकते सितारे की तरह साहित्यकार राजकमल चौधरी देहावसान के बाबजूद महिषी के कपाल सदैव जीवंत है,जिसके लिए साहित्य जगत उन्हें निरन्तर स्मरण करता है और रहेगा। आधुनिक हिन्दी साहित्य के कालजयी रचनाकार राजकमल चौधरी

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