तृणमूल सांसद का दावा -असम में हिरासत से रिहा हुए बंगाल के तीन प्रवासी श्रमिक
कोलकाता, 1 सितंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के तीन प्रवासी श्रमिकों को असम पुलिस द्वारा कथित रूप से बांग्लादेशी समझकर हिरासत में लेने के बाद राज्य सरकार के हस्तक्षेप से रिहा कर दिया गया है। यह दावा तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद औ
तृणमूल सांसद का दावा -असम में हिरासत से रिहा हुए बंगाल के तीन प्रवासी श्रमिक


कोलकाता, 1 सितंबर (हि.स.)।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के तीन प्रवासी श्रमिकों को असम पुलिस द्वारा कथित रूप से बांग्लादेशी समझकर हिरासत में लेने के बाद राज्य सरकार के हस्तक्षेप से रिहा कर दिया गया है। यह दावा तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और राज्य प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड के चेयरपर्सन सामिरुल इस्लाम ने सोमवार को किया।

सामिरुल इस्लाम ने बताया कि तीनों श्रमिकों को रविवार देर रात रिहा किया गया। उन्होंने कहा, “असम पुलिस ने उन्हें बांग्लादेशी समझकर हिरासत में लिया और डिटेंशन कैंप भेज दिया था। लेकिन हमारी तत्परता से उन्हें छोड़ दिया गया। यहां तक कि उनसे अवैध रूप से वसूले गए डेढ़ लाख रुपये भी वापस कर दिए गए।”

जानकारी के अनुसार, तीनों श्रमिकों में दो शख्स शकरतिपुर और एक बेलडांगा (मुर्शिदाबाद) का रहने वाला है। वे 22 अगस्त को नगांव पहुंचे थे और वहां ठेला लगाकर सामान बेच रहे थे। इसी दौरान हाइबरगांव इलाके में पुलिसकर्मियों ने उनकी बातचीत में बांग्ला सुनकर उन्हें पकड़ लिया।

सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को लगातार परेशान किया जा रहा है। इस्लाम ने कहा, “उन्हें बेवजह हिरासत में लिया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है और पैसों की उगाही की जाती है। हमारी सरकार हर ऐसी घटना पर तुरंत सख्त कदम उठा रही है।”

उन्होंने यह भी दावा किया कि हाल ही में उत्तर 24 परगना के हाबरा के रहने वाले एक प्रवासी श्रमिक गोलाम मंडल की महाराष्ट्र में पुलिस की “अमानवीय यातना” के चलते अवैध हिरासत में मौत हो गई।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर