कुत्तों के बोर्डिंग हाउस, प्रशिक्षण अकादमियों और ग्रूमिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए बनाए नियम
- एडब्ल्यूबीआई के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. एस. चिन्नी कृष्णा ने किया स्वागत चेन्नई, 7 अगस्त (हि.स.)। तमिलनाडु सरकार ने जानवरों की सुरक्षा के लिए नई नीतियां और नियम लागू किए हैं। राज्य ने कुत्तों के बोर्डिंग हाउस, प्रशिक्षण अकादमियों और ग्रूमिंग सेंटरों क
A New Voice for the Voiceless: Tamil Nadu Bans Home Boarding and Breeding of Dogs, Welcomed by Dr. S. Chinny Krishna, Former Vice Chairman of AWBI


A New Voice for the Voiceless: Tamil Nadu Bans Home Boarding and Breeding of Dogs, Welcomed by Dr. S. Chinny Krishna, Former Vice Chairman of AWBI


- एडब्ल्यूबीआई के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. एस. चिन्नी कृष्णा ने किया स्वागत

चेन्नई, 7 अगस्त (हि.स.)। तमिलनाडु सरकार ने जानवरों की सुरक्षा के लिए नई नीतियां और नियम लागू किए हैं। राज्य ने कुत्तों के बोर्डिंग हाउस, प्रशिक्षण अकादमियों और ग्रूमिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए एक नया ढांचा तैयार किया है। तमिलनाडु पशु कल्याण बोर्ड द्वारा अधिसूचित किए जाने वाले इन नए नियमों के अनुसार, इन केंद्रों के पास दुकान और स्थापना प्रमाण पत्र, वाणिज्यिक बिजली कनेक्शन और सीसीटीवी कैमरे होना अनिवार्य है। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. एस. चिन्नी कृष्णा ने इन नियमों का स्वागत किया है।

नए नियमों के तहत, बोर्डिंग कैनलों में प्रत्येक कुत्ते के लिए कम से कम 36 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए, जिसमें खेलने के लिए अलग क्षेत्र और कुछ खास नस्लों के लिए तापमान-नियंत्रित शेल्टर भी शामिल हों। इन सुविधाओं को विस्तृत रिकॉर्ड, जैसे भोजन स्टॉक और मेडिकल हिस्ट्री बनाए रखना और एक पशु चिकित्सक को कॉल पर उपलब्ध रखना भी अनिवार्य होगा। यह नीति जानवरों की पूंछ काटने, कान काटने और उन्हें बेहोश करने जैसी क्रूर प्रथाओं पर स्पष्ट रूप से रोक लगाती है।

राज्य की नई नीति में कुत्ते के प्रशिक्षकों के लिए सख्त लाइसेंसिंग और नैतिक मानकों को भी पेश किया गया है, जिसमें केवल सकारात्मक सुदृढ़ीकरण तकनीकों की अनुमति है और शॉक या प्रोंग कॉलर के उपयोग पर प्रतिबंध है। अब प्रशिक्षकों को तमिलनाडु पशु कल्याण बोर्ड द्वारा प्रमाणित होना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, ये नियम जॉयरिड्स में इस्तेमाल होने वाले घोड़ों पर भी लागू होते हैं, जिनके लिए अवैध बिक्री और क्रूरता को रोकने के लिए सख्त लाइसेंसिंग और देखभाल के मानदंड तैयार किए गए हैं। मालिकों को लाइसेंस प्राप्त करना, अपने जानवरों को माइक्रोचिप के साथ पंजीकृत कराना और स्वास्थ्य व टीकाकरण प्रमाण पत्र प्रदान करना होगा। नीति में न्यूनतम अस्तबल आकार निर्धारित किए गए हैं और गर्मी के चरम घंटों के दौरान घोड़ों की सवारी पर प्रतिबंध लगाया गया है। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना, लाइसेंस रद्द करना और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत आपराधिक कार्रवाई हो सकती है।

एडब्ल्यूबीआई के पूर्व उपाध्यक्ष और चेन्नई में ब्लू क्रॉस ऑफ इंडिया (बीसीआई) के सह-संस्थापक डॉ. एस. चिन्नी कृष्णा ने कहा कि इन नियमों का बहुत स्वागत है क्योंकि तथाकथित अधिकांश बोर्डिंग हाउस बिना किसी पशु चिकित्सा सुविधा या रिकॉर्ड के बहुत बुरी तरह से चलाए जाते हैं। लंबे बालों वाली नस्लों के लिए तापमान-नियंत्रित कमरे एक और स्वागत योग्य विशेषता है। उन्होंने आगे कहा कि ब्लू क्रॉस ऑफ इंडिया ने सरकार से दो प्रक्रियाओं को भी शामिल करने का अनुरोध किया है जिनका विशेष रूप से उल्लेख नहीं है- कान काटना और भौंकने से रोकना (डी-बारर्किंग)। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि कई बिल्ली मालिक नाखूनों को हटाने (डी-क्लाविग) का सहारा लेते हैं, इसलिए इस प्रथा को शामिल करना भी मददगार होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ आर बी चौधरी