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मुंबई,3 अगस्त ( हि.स.) । मौत एक शाश्वत सत्य है और साधारणतः निधन के बाद शरीर को पांच तत्वों में विलीन किया जाता है लेकिन सांस थमने के बाद भी व्यक्ति के कई अमूल्य अंग किसी को जीवन दे सकते है आपकी आंखों से कोई दृष्टिहीन व्यक्ति आपकी आंखों से इस संसार को देख सकता है।मृत्यु के बाद भी, किसी का शरीर किसी के जीवन का कारण बन सकता है। आँखें, गुर्दे, यकृत, हृदय जैसे अंग दान करना केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं है, बल्कि समाज में सबसे बड़ी मानवीय सेवा है, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलाश पवार ने आज ठाणे में कहा।
जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा 3 से 15 अगस्त तक पूरे राज्य में अंगदान पखवाड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इसी पृष्ठभूमि में, ठाणे जिला सामान्य अस्पताल में जागरूकता पैदा करने के लिए विशेष गतिविधियाँ शुरू की गईं। इस अवसर पर चिकित्सा अधिकारी, अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ, गैर सरकारी संगठन, कॉलेज के छात्र और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
ठाणे सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पवार ने यह भी कहा, अंगदान में समाज की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, प्रतीक्षा सूची में हजारों मरीज हैं, उनके लिए प्रत्येक अंगदान का मूल्य अमूल्य है। उन्होंने हृदय से यह समझने की आवश्यकता जताई कि मृत्यु के बाद भी, हमारे कुछ अंग किसी न किसी के शरीर में जीवित रहते हैं।
इस अभियान के अंतर्गत पोस्टर प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, ऑनलाइन व्याख्यान, स्वास्थ्य सत्र, सोशल मीडिया पर जागरूकता, ओपीडी में क्यूआर कोड के माध्यम से प्रतिज्ञा पंजीकरण आदि गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। 15 अगस्त को अंगदान करने वाले परिवारों को सम्मानित किया जाएगा। यह न केवल एक सम्मान है, बल्कि समाज के लिए एक संदेश भी है। एक व्यक्ति मृत्यु के बाद भी जीवित रह सकता है। इस कार्यक्रम में जिला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलाश पवार, अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक डॉ. धीरज महांगड़े, डॉ. मृणाल राहुद, डॉ. अर्चना पवार, समाजसेवी श्रीरंग सिद आदि सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति और कर्मचारी उपस्थित थे।
अंगदान एक व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी है और इसे एक सामूहिक आंदोलन बनना चाहिए। समाज, मानवता और किसी अनजान मरीज़ के जीवन के लिए यह कदम उठाएँ और अंगदान फ़ॉर्म को एक सामाजिक कर्तव्य मानकर भरें, इस अवसर पर अपील की गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा