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भुवनेश्वर, 1 अगस्त (हि.स.)। ओडिशा के गजपति ज़िले में ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता कार्यालय में कार्यरत एक चपरासी को कथित रूप से जूनियर इंजीनियर को पानी के बजाय पेशाब पिलाने के गंभीर आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपित चपरासी की पहचान शिव नारायण नायक के रूप में हुई है। उसे आर. उदयगिरी थाने की पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई जूनियर इंजीनियर सचिन गौड़ा की शिकायत पर की गई, जिन्होंने 22 जुलाई को कार्यालय में कार्यभार संभाला था। आरोप है कि घटना 23 जुलाई की रात हुई, जब इंजीनियर ने खाने के बाद पानी मांगा था। इसके जवाब में चपरासी ने एक स्टील की बोतल में संदिग्ध तरल पदार्थ दिया।
इंजीनियर सचिन गौड़ा के अनुसार, पानी पीने के बाद उन्हें अस्वस्थता महसूस हुई और संदेह हुआ कि वह पानी नहीं है। दो अन्य कर्मचारियों – घन और सूर्या – ने भी उस तरल को चखा और उसमें गड़बड़ी पाई। इसके बाद उस नमूने को जांच के लिए भेजा गया, जिसमें 2.0 PPM अमोनिया की मात्रा पाई गई, जिससे उसमें पेशाब की आशंका जताई जा रही है। मामले की पुष्टि के लिए दूसरा नमूना परलाखेमुंडी स्थित प्रयोगशाला भेजा गया है।
घटना के बाद सचिन गौड़ा की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, ब्रह्मपुर में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद उन्होंने पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर सिबा नारायण नायक को गिरफ्तार किया गया।
इंजीनियर ने अपने बयान में कहा कि जब मैंने पानी मांगा, तो सिबा एक्वा गार्ड से एक बोतल लाया। पानी पीने के बाद मुझे घबराहट और असहजता महसूस हुई। दो अन्य कर्मचारियों ने भी उसका स्वाद लिया और उसमें कुछ गड़बड़ी पाई।
वहीं, आरोपित शिव नारायण नायक ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने मीडिया से कहा, कि मैंने खाना के साथ पानी भी दिया था। उसके बीच क्या हुआ, मुझे नहीं पता। मैंने कुछ गलत नहीं किया। मैंने सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो