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प्रयागराज,01 अगस्त(हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध प्रयागराज में पतित पावनी मां गंगा एवं यमुना नदी उफान पर है। बाढ़ के पानी से कई गांव एवं मोहल्ले फिर से प्रभावित हो चुके है। प्रयागराज में खतरे के करीब पानी पहुंच चुका है। सुरक्षा के मद्देनजर एनडीआरएफ की टीमें सक्रिय कर दी गई है। इसके साथ ही नांव भी लगा दी गई है।
जिला सूचना कार्यालय से जारी सूचना के मुताबिक शुक्रवार सुबह 8 बजे तक प्रयागराज में यमुना नदी के नैनी में 83.54 मीटर पर पहुंच चुका है। बीते चौबीस घंटे में यमुना का जलस्तर 101 सेंटीमीटर बढ़ा है। जबकि खतरे का जल स्तर 84.734 सेंटीमीटर है। इसी तरह गंगा नदी के फाफामऊ घाट पर सुबह 8 बजे तक 93.22 मीटर है। यहां चौबीस घंटे में लगभग 82 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा है। इसी क्रम में बक्सी एसटीपी के पास गंगा का जलस्तर 83.49 मीटर पर पहुंचा है। जबकि चौबीस घंटे के दौरान यहां लगभग 99 सेंटीमीटर जल स्तर बढ़ गया है। प्रयागराज से वाराणसी की ओर छतनाग घाट पर वर्तमान में सुबह 8 बजे तक 82.92 मीटर पर जल स्तर तक पहुंचा है। जबकि यहां गंगा का जलस्तर लगभग 104 सेंटीमीटर बढ़ा है। यह जलस्तर की गणना 79.50 मीटर से अधिक होने पर दर्ज किया गया है। वर्तमान समय में प्रयागराज के सभी बांध सुरक्षित है।
गंगा व यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से सदर तहसील के कछार मऊ/सरैया, राजापुर देह माफी, असदुल्लापुर मो.बाद, बेली कछार, बेली उपरहार, बघाड़ा जहीरुद्दीन, बघाड़ा बालन, बखतियार, म्योराबाद, नकौली, नेवादा गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए है। इसी तरह फूलपुर तहसील के सोनौटी, बदरा, करछना तहसील के देहली भगेसर गांव प्रभावित हुए है। बाढ़ से प्रभावित 5 परिवार से अधिक राहत शिविर में रह रहे है। कुछ लोग खुद स्वत: सुरक्षित स्थान पर जा चुकें है। बाढ़ राहत शिविर में 22 लोगों से अधिक लोग रह रहें है।
अब तक कहीं आबादी व फसल प्रभावित होने की जानकारी नहीं मिली है। आवागमन भी अभी प्रभावित होने की सूचना नहीं मिली है। जिला प्रशासन ने सदर में 26 राहत शिविर, सोरांव में 7, फूलपुर में 13, करछना 20, मेजा में 11, बारा में 9, हण्डिया में 6, कोरांव में 3, कोरांव में 3 शिविर चिन्हित किए गये हैं इस तरह जनपद में कुल 95 शिविर चिन्हित किए जा चुकें है। चिन्हित बाढ राहत शिविर में रहने वाले लोगों को लंच पैकेट दिए जा रहें है। छह से अधिक नाव संचालित की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल