विद्यालय मर्ज को लेकर फर्जी रिपोर्टिंग का आरोप
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औरैया, 01 अगस्त (हि. स.)। जनपद के सहार विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों के मर्ज (विलय) को लेकर स्थानीय लोगों और अभिभावकों में रोष व्याप्त है। आरोप है कि सरकारी निर्देशों की अनदेखी कर खंड शिक्षा अधिकारी सहार द्वारा बिना स्थलीय निरीक्षण के विद्यालय मर्ज करने की फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई है।

जानकारी के अनुसार, उच्च प्राथमिक विद्यालय पौथी को उच्च प्राथमिक विद्यालय शिवगंज बरियारेमऊ में मर्ज कर दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने दोनों विद्यालयों के बीच की दूरी मात्र 900 मीटर दर्शाई है, जबकि वास्तविक दूरी कच्चे रास्ते से भी 1.6 किमी और पक्के मार्ग से लगभग 2.5 किमी बताई जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जिस कच्चे मार्ग का हवाला दिया गया है, उसमें भी एक बड़ा नाला है, जो वर्षा ऋतु में बाढ़ के दौरान पूरी तरह जलमग्न हो जाता है और रास्ता बंद हो जाता है।

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री द्वारा स्पष्ट किया गया था कि यदि किसी विद्यालय को एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर मर्ज किया गया है, तो ऐसे मर्ज आदेशों को निरस्त किया जाएगा। इसके बाद विभाग ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से जांच रिपोर्ट मांगी थी। किंतु सहार के खंड शिक्षा अधिकारी ने कथित रूप से कार्यालय में बैठकर ही फोन पर जानकारी लेकर गलत रिपोर्ट भेज दी, जो क्षेत्रीय वास्तविकताओं से मेल नहीं खाती।

ग्रामीणों का कहना है कि यह कदम न केवल बच्चों की शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है बल्कि सरकारी विद्यालयों को बंद कर मानक विहीन निजी विद्यालयों को बढ़ावा देने की एक साजिश भी प्रतीत होता है। उन्होंने मांग की है कि संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए तथा निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का भी सत्यापन कराया जाए, ताकि यह तय हो सके कि वास्तव में कहां सुधार की आवश्यकता है।

क्षेत्रीय जनता की निगाहें अब उच्च अधिकारियों पर टिकी हैं, जो यह देखने को आतुर हैं कि क्या वह इस प्रकरण का संज्ञान लेंगे और बच्चों के भविष्य को बचाने की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार