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वाशिंगटन, 31 जुलाई (हि.स.)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने ब्राजील पर 50 प्रतिशत टैरिफ (शुल्क) लगाने की घोषणा की है। यह ट्रंप के वर्तमान कार्यकाल में किसी देश पर लगाया गया सबसे अधिक टैरिफ है। यही नहीं, अमेरिका ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के आपराधिक मामले की निगरानी कर रहे उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश पर भी प्रतिबंध लगा दिया। जायर बोल्सोनारो, ट्रंप के सहयोगी हैं और उन पर 2022 के चुनाव हारने के बाद तख्तापलट की कोशिश करने का आरोप है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, अमेरिका का कल का यह कदम ट्रंप प्रशासन और लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े देश ब्राजील के बीच संकट को और बढ़ा देने वाला है। साथ ही यह कदम राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला डि सिल्वा के लिए कड़ा संदेश है। ट्रंप ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि अगर ब्राजील बोल्सोनारो के खिलाफ आरोप वापस नहीं लेता तो वह 50 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे।
अमेरिका की नए टैरिफ की घोषणा पर लूला ने ट्रंप पर ब्राजील को दबाने और बातचीत के प्रस्तावों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। रियो टाइम्स के अनुसार, टैरिफ 6 अगस्त से प्रभावी होगा। अमेरिका के इस कदम से राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा के सामने देश की अर्थव्यवस्था को संभालन और नौकरियों की रक्षा करने की असली चुनौती है।
अमेरिकी वित्तमंत्री स्कॉट बेसेंट ने ब्राजील के उच्चतम संघीय न्यायालय के विवादास्पद न्यायाधीश एलेक्जेंडर डी मोरेस के विरुद्ध प्रतिबंधों की घोषणा कर लूला को कड़ा संदेश दिया है। लूला ने अपनी प्रतिक्रिया में बोल्सोनारो समर्थकों पर ट्रंप के कदमों का समर्थन करने के लिए देशद्रोही होने का आरोप लगाते हुए ब्राजील की संप्रभुता की रक्षा करने का आह्वान किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद