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कांकेर, 31 जुलाई (हि.स.)। जिले के सरोना वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम दुधावा में इन दिनों वन्य प्राणी भालुओं का आतंक ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बीते कुछ दिनों से लगातार भालुओं की टोली रात के समय गांव के घरों में घुसकर खाद्य पदार्थों को नष्ट कर रहे हैं, साथ ही सामानों की तोड़-फोड़ भी कर रहे हैं। ताजा घटना ग्राम दुधावा निवासी रूपेश निषाद के घर की है, जहां बीती रात एक वन्यप्राणी भालू घर में घुस आया। भालू ने घर में रखे एक टीना तेल, गुड़, शक्कर सहित अन्य खाद्य सामग्री को खा लिया और घरेलू सामान को तहस-नहस कर दिया। रूपेश निषाद के परिजनों को जैसे ही घर में हल-चल का अहसास हुआ, उन्होंने शोर मचाया। शोरगुल से घबराकर भालू ने छप्पर तोड़ते हुए भागने का प्रयास किया और फिर जंगल की ओर चला गया।
वनों में भोजन की कमी भालुओं को गांवों की ओर भाेजन की तलाश में जाने के लिए मजबूर कर रहा है। यह मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती समस्या को दर्शाता है, जिस पर तत्काल ध्यान देना अनिवार्य है। यह कोई पहली घटना नहीं है, कुछ दिन पहले किसान चंद्रशेखर नेताम पर भी खेत में काम करते समय भालू ने हमला कर दिया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। सौभाग्य से समय रहते ग्रामीणों की मदद से उनकी जान बचाई जा सकी। लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में गहरी दहशत है। आए दिन भालू किसी न किसी घर में घुसकर तबाही मचा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर वे बेहद चिंतित हैं। रात होते ही लोग दरवाजे बंद कर और लाइट बुझाकर सोने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि भालुओं को गांव की सीमा से दूर रखने के लिए जाल बिछाने, पिंजरे लगाने और गश्त बढ़ाने जैसे ठोस कदम उठाए जाएं। साथ ही घायल व्यक्तियों को उचित मुआवजा और उपचार की सुविधा दी जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे