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जयपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के एक बेहद खतरनाक ट्रेंड साइबर स्लेवरी (साइबर गुलामी) को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। पढ़े-लिखे और तकनीकी रूप से सक्षम युवाओं को विदेश में आकर्षक नौकरियों का लालच देकर दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में फंसाया जा रहा है। जहाँ उन्हें बंधक बनाकर जबरन साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक (साइबर अपराध) शान्तनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी युवाओं को लाओस, म्यांमार और कंबोडिया जैसे देशों में आईटी सेक्टर में सुनहरे अवसरवका झांसा देते हैं। एक बार जब ये युवा वहाँ पहुँच जाते हैं तो उनके पासपोर्ट और अन्य पहचान पत्र छीन लिए जाते हैं और उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से बंधक बनाकर साइबर गुलाम बना दिया जाता है। इसके बाद उनसे जबरन भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर साइबर धोखाधड़ी करवाई जाती है।
भारतीय विदेश मंत्रालय और विभिन्न पुलिस एजेंसियां ऐसे अंतरराष्ट्रीय आपराधिक सिंडिकेट्स पर नकेल कसने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।
राजस्थान पुलिस ने आमजन से अत्यधिक सतर्कता बरतने की अपील की है और कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है। केवल विदेश मंत्रालय (एमईए) में पंजीकृत भर्ती एजेंटों द्वारा प्रसारित नौकरियों के लिए ही आवेदन करें। किसी भी अवैध एजेंट या अपंजीकृत व्यक्ति द्वारा दिए जा रहे नौकरी के वादे या प्रलोभन से दूर रहें। एमईए की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकृत एजेंटों की सूची देखकर यह सुनिश्चित करें कि आपको नौकरी का आश्वासन देने वाला एजेंट वैध है।
संदिग्ध लगने पर तुरंत करें रिपोर्ट
यदि आपको ईमेल, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम या फेसबुक पर कोई भी फर्जी लिंक, संदिग्ध नौकरी का ऑफर या असामान्य गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर या अपने निकटतम पुलिस स्टेशन,साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत करें।
राजस्थान पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस धोखाधड़ी के बारे में जागरूक रहें और अपनी सतर्कता से स्वयं और दूसरों को सुरक्षित रखें।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश