प्रेमचंद की साहित्यिक विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी : मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान
प्रेमचंद की साहित्यिक विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी : मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान


भुवनेश्वर, 31 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने हिंदी साहित्य के महान उपन्यासकार और कथाकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए उनके साहित्यिक याेगदान को स्मरण किया।

अपने संदेश में मंत्री ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद जी हिंदी साहित्य की एक अद्वितीय धरोहर हैं, जिनकी रचनाएँ न केवल साहित्यिक गौरव हैं, बल्कि समाज के वंचित और पीड़ित वर्ग की संवेदनाओं, संघर्षों और आकांक्षाओं को भी अत्यंत जीवंतता के साथ प्रस्तुत करती हैं।

उन्होंने कहा कि गोदान, रंगभूमि और निर्मला जैसी कालजयी कृतियाँ आज भी पाठकों के हृदय पर गहरी छाप छोड़ती हैं। प्रेमचंद जी ने अपनी लेखनी के माध्यम से सामाजिक असमानताओं को उजागर करते हुए जनजागरण का महत्वपूर्ण कार्य किया।

मंत्री ने यह भी कहा कि प्रेमचंद की साहित्यिक विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी और समाज व संस्कृति पर उनका प्रभाव सदियों तक बना रहेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो