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नई दिल्ली, 31 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने देश भर के एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग का काम करने वाली तुर्किये की कार्गो ऑपरेटर सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें सिक्योरिटी क्लीयरेंस निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। जस्टिस तेजस करिया की बेंच ने सेलेबी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय पहले ही सेलेबी की ऐसी ही याचिका खारिज कर चुका है।
जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने 7 जुलाई को सेलेबी की याचिका खारिज करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान सेलेबी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सिक्योरिटी क्लीयरेंस निरस्त करते समय न तो उन्हें नोटिस दिया गया और न ही उनका पक्ष सुना गया। रोहतगी ने एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रूल्स के नियम 12 का हवाला देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन किया है। इस नियम के तहत नागरिक विमानन महानिदेशक सिक्योरिटी क्लियरेंस को निलंबित करते हैं और संबंधित कंपनी का पक्ष सुनते हैं। अगर महानिदेशक को लगता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है तो वो सिक्योरिटी क्लीयरेंस निरस्त कर सकते हैं। रोहतगी ने कहा था कि एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रुल्स के मुताबिक संबंधित कंपनी का पक्ष जानना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सेलेबी कंपनी में काम करने वाले सभी भारतीय हैं।
सेलेबी की याचिका का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने कहा था कि कंपनी का सिक्योरिटी क्लीयरेंस निरस्त करने का फैसला अप्रत्याशित परिस्थितियों में लिया गया था। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जब देश की सुरक्षा पर खतरा हो तो सरकार के लिए ये लगभग असंभव हो जाता है कि वो संबंधित कंपनी का पक्ष सुने। मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता कंपनी सेलेबी को न्यायिक समीक्षा का अधिकार है लेकिन जब देश की सुरक्षा का सवाल हो तो नैसर्गिक न्याय का पालन करना जरुरी नहीं है। ये विधायिका पर छोड़ देना चाहिए। मेहता ने कहा था कि एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रुल्स के नियम 12 का अधिकांशत: पालन किया गया है। सेलेबी कंपनी के प्रतिवेदन पर सरकार ने विचार किया था और उसके बाद अगले दिन आदेश पारित किया गया था।
देश के एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग का काम करने वाले तुर्की के कार्गो ऑपरेटर सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सिक्योरिटी क्लीयरेंस को निरस्त करने के केंद्र के आदेश का विरोध करते हुए कहा था कि ये गैरकानूनी और मनमाना है। सेलेबी ने कहा था कि भारत सरकार का फैसला भ्रमपूर्ण और बेवजह है। सरकार के इस फैसले से विदेशी निवेशकों का भरोसा डगमगा जाएगा और इससे 3800 भारतीय कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। याचिका में कहा गया था कि सेलेबी पर मालिकाना हक भले ही तुर्की की है लेकिन इसका प्रबंधन और नियंत्रण भारतीय टीम के हाथ में है। सेलेबी ने कहा था कि भारत के एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग का उसका करीब एक दशक का ट्रैक रिकॉर्ड साफ-सुथरा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार /संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / वीरेन्द्र सिंह