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नई दिल्ली, 29 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा के जवाब में मंगलवार को कहा कि सैन्य कार्रवाई के दौरान सशस्त्र बलों को खुली छूट दी गयी थी। उन्हें तय करने दिया गया कि कब, कहां और कैसे कार्रवाई करनी है। देश को उन पर गर्व है कि आतंकवादियों को सजा दी गयी और यह ऐसी सजा थी कि आतंकवादी सरगनाओं की आज भी रातों की नींद उड़ी हुई है।
विपक्षी नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों को भारत का पक्ष नहीं दिखता, वह उन्हें आईना दिखाने आये हैं। उन्होंने कहा कि वह इस सदन के माध्यम से देश और दुनिया के सामने भारत का पक्ष रखने आये हैं। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जो क्रूर आतंकी हमला हुआ, वह केवल निर्दोषों पर गोली चलाने की घटना नहीं थी, बल्कि भारत को हिंसा में झोंकने की सुनियोजित साजिश थी। धर्म पूछकर निर्दोष लोगों को मारा गया। यह क्रूरता की पराकाष्ठा थी। यह भारत में दंगे फैलाने का एक गहरा षड्यंत्र था, लेकिन वह देशवासियों का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने एकजुट होकर उस साजिश को नाकाम किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान देश की जनता ने सरकार का साथ दिया और उनके समर्थन ने इस कार्रवाई को ऐतिहासिक बना दिया। उन्होंने कहा, “देश ने मुझे आशीर्वाद दिया, विश्वास दिया। मैं इस समर्थन के लिए जनता का आभार व्यक्त करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।” उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत के आत्म-सम्मान, संप्रभुता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमले के बाद उन्होंने दुनिया को एक स्पष्ट संदेश देने के लिए अंग्रेज़ी में भी बात कीः “हम आतंकवाद को मिट्टी में मिला देंगे।” उन्होंने कहा, “यह भारत के 'विजयोत्सव' का समय है। और यह विजय, आतंकवादियों के मुख्यालय को ध्वस्त करने की है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब भारत की कार्रवाई की भनक पाकिस्तान को लगी, तो उसने परमाणु बम की धमकियां दीं, लेकिन जब हमला हुआ, तो वह कुछ नहीं कर सका। हमारी सशस्त्र सेनाओं ने आतंक के आकाओं को ऐसा सबक सिखाया कि आज भी उनकी नींद उड़ी हुई है। --------------
हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार