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जयपुर, 29 जुलाई (हि.स.)। राजधानी जयपुर में ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल होती जा रही है। परकोटा, सिंधी कैंप, रेलवे स्टेशन जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पीक ऑवर्स के दौरान वाहनों की लंबी कतारें आम हो चुकी हैं। ई-रिक्शा की अनियंत्रित संख्या और उनकी मनमानी यातायात व्यवस्था को बाधित कर रही है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अब ट्रैफिक पुलिस कठोर कदम उठाने जा रही है।
यातायात एवं प्रशासन के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त योगेश दाधीच ने स्पष्ट किया कि ई-रिक्शा चालकों पर नियंत्रण के लिए अब कलर कोड प्रणाली लागू की जाएगी। इसके तहत शहर को सात ट्रैफिक जोन में बांटा जाएगा, और प्रत्येक जोन को एक विशिष्ट रंग कोड आवंटित किया जाएगा। जोन के अनुसार रजिस्टर किए गए ई-रिक्शा केवल अपने निर्धारित क्षेत्र में ही संचालित हो सकेंगे। जो वाहन अपने जोन से बाहर जाएंगे, उन पर तत्काल ई-चालान किया जाएगा। यह नियम कानूनी रूप से प्रभावी होगा।
फिलहाल जयपुर में 40 हजार से अधिक ई-रिक्शा पंजीकृत हैं, जिनका संचालन बिना किसी निगरानी या ज़ोनल नियंत्रण के किया जा रहा है। इसी को देखते हुए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सहायता से एक पोर्टल विकसित किया गया है जिसमें सभी ई-रिक्शा रजिस्टर्ड होंगे। इसके पश्चात् इन्हें जोनवार बांटकर उनके संचालन पर नजर रखी जाएगी। वाहन पर अंकित कलर कोड से यह स्पष्ट होगा कि वह किस जोन में अधिकृत है।
ट्रैफिक पुलिस की सख्ती केवल जोन उल्लंघन तक सीमित नहीं रहेगी। कई ई-रिक्शा चालक रात के समय बैटरी की बचत के लिए हेडलाइट बंद कर वाहन चलाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। ऐसे मामलों पर अब तकनीक की सहायता से निगरानी की जाएगी और संबंधित चालकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इसके अतिरिक्त पुलिस ने यह भी साफ किया है कि ई-रिक्शा किराए पर देना पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। नियमानुसार जिस व्यक्ति के नाम पर ई-रिक्शा पंजीकृत है, वही उसे चला सकता है। हालांकि महिलाओं और दिव्यांगजनों को इससे छूट है। लेकिन कई लोग एक से अधिक ई-रिक्शा लेकर उन्हें किराए पर चलवा रहे हैं, जिससे ट्रैफिक नियंत्रण और जवाबदेही में बाधा आ रही है। पोर्टल के माध्यम से अब इस प्रकार की अनियमितताओं पर भी रोक लगाई जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश