जोशिता दास आत्महत्या मामला: कार्यस्थल उत्पीड़न की जांच गहराई, तीसरी गिरफ्तारी
जोशिता दास आत्महत्या मामला: कार्यस्थल उत्पीड़न की जांच गहराई, तीसरी गिरफ्तारी


बंगाईगांव (असम), 25 जुलाई (हि.स.)। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की जूनियर इंजीनियर जोशिता दास की आत्महत्या मामले में पुलिस जांच तेज हो गई है। इस सिलसिले में अब बंगाईगांव के बर्षनगर मिनी स्टेडियम के डिज़ाइनर देवजीत शर्मा को गिरफ्तार किया गया है। यह इस मामले में तीसरी गिरफ्तारी है।

बताया जा रहा है कि जोशिता द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में देवजीत शर्मा का नाम भी दर्ज था। जोशिता बीते एक साल से बंगाईगांव में कार्यरत थीं और तीन दिन पहले बरपारा स्थित किराए के मकान में फांसी के फंदे पर लटकी मिली थीं।

सुसाइड नोट के अनुसार, उन्हें लंबे समय से मानसिक उत्पीड़न और वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव का सामना करना पड़ रहा था। जोशिता ने पूर्व कार्यपालक अभियंता दिनेश शर्मा मेधी और पूर्व एसडीओ अमीनुल इस्लाम के नाम स्पष्ट रूप से लिखे हैं। दोनों अधिकारियों को स्थानांतरित किया जा चुका था, लेकिन उन पर दबाव बनाए रखने का आरोप है।

नोट में यह भी उल्लेख है कि एक मिनी स्टेडियम परियोजना के ठेकेदार का बिल पास करने के लिए उन्हें मजबूर किया जा रहा था, जबकि संबंधित दस्तावेजों की कमी, देवजीत शर्मा द्वारा जमा की गई त्रुटिपूर्ण अनुमानित लागत और साइट इंजीनियर की अनुपस्थिति जैसी कई खामियां थीं। ठेकेदार रूद्र पाठक पर भी यह आरोप लगाया गया है कि उसने साइट इंजीनियर की तैनाती नहीं की, जिससे जोशिता को कामकाज अकेले संभालना पड़ा।

जोशिता की मां ने घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई और इसमें अधिकारियों को मानसिक उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी लगातार काम के दबाव की शिकायत करती थी और मानसिक रूप से टूट चुकी थी।

पुलिस अभी और गिरफ्तारियों से इनकार नहीं कर रही है, क्योंकि जांच में और सबूत और गवाहों के बयान सामने आ रहे हैं। यह मामला असम भर में खासतौर पर इंजीनियरिंग और प्रशासनिक हलकों में आक्रोश का कारण बना हुआ है। सरकार पर कार्यस्थल उत्पीड़न के मामलों में सख्त कार्रवाई और जवाबदेही तय करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, युवा पेशेवरों की सुरक्षा और उनके लिए संस्थागत सुरक्षा उपायों की मांग भी जोर पकड़ रही है। कई लोगों ने कहा है कि जोशिता की मौत बेवजह न जाए, बल्कि यह एक बदलाव की शुरुआत बने।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश