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नई दिल्ली, 25 जुलाई (हि.स.)। रेल मंत्रालय ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 से प्राप्त अनुभवों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2027 में नासिक में आयोजित होने वाले त्र्यंबकेश्वर सिंहस्थ महाकुंभ के लिए विशेष रेल योजनाओं का खाका तैयार कर लिया है। इस संदर्भ में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने एक उच्चस्तरीय बैठक में सभी प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की।
रेल मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि महाकुंभ के दौरान इस्तेमाल की गई सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को अपनाते हुए नासिक क्षेत्र के सभी प्रमुख स्टेशनों नासिक रोड, देवलाली, ओढ़ा, खेरवाड़ी और कसबे-सुकेणे पर व्यापक बुनियादी ढांचा तैयार किया जाए। इनमें प्लेटफॉर्म विस्तार, एफओबी निर्माण, स्टेब्लिंग लाइनें, यार्ड रीमॉडलिंग, होल्डिंग एरिया, जल शोधन संयंत्र और सूचना प्रणाली जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने स्टेब्लिंग क्षमता बढ़ाने और भीड़ नियंत्रण की दिशा में विशेष ध्यान देने को कहा।
रेलवे के अनुसार, पांचों स्टेशनों पर प्रस्तावित बुनियादी ढांचे के कार्यों और यात्री सुविधाओ के प्रस्तावित कार्यों की अनुमानित लागत 1,011 करोड़ से अधिक है, जिनमें से 33 कार्यों को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। सभी विकास कार्यों को दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
नासिक रोड स्टेशन पर प्लेटफॉर्म-4 को दोनों दिशाओं वाला बनाया जाएगा, जबकि प्लेटफॉर्म-1 का विस्तार 24 कोच वाली ट्रेनों के लिए किया जाएगा। देवलाली में उन्नत कोच परीक्षण केंद्र और दो एफओबी प्रस्तावित हैं। ओढ़ा में पांच स्टेब्लिंग लाइनें और चार पैदल पुल बनाए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, एक केंद्रीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र की स्थापना की जाएगी, जो भीड़ की निगरानी के लिए एआई और सीसीटीवी से लैस होगा।
रेलवे के अनुसार, सिंहस्थ 2027 के दौरान तीर्थयात्रियों की संख्या 3 करोड़ से अधिक होने की संभावना है, जो 2015 के मुकाबले लगभग 50 गुना अधिक है। इसे देखते हुए विशेष रेलगाड़ियां, मेमू सेवाएं, और एक तीर्थ सर्किट ट्रेन चलाई जाएगी, जो त्र्यंबकेश्वर, घृष्णेश्वर और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंगों को जोड़ेगी।
रेल मंत्रालय ने राज्य सरकार के साथ भी सक्रिय समन्वय बनाए रखा है और आने वाले महीनों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार