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काठमांडू, 11 जुलाई (हि.स.)। चीन प्रशासित तिब्बत क्षेत्र में हिम ताल का तटबंध टूटने के कारण नेपाल के रसुवागढ़ी में आई बाढ़ से जनधन की व्यापक क्षति हुई है। चीन प्रशासन ने इस बारे में कोई भी पूर्व सूचना नेपाल सरकार को नहीं दी। अगर इसकी सूचना समय पर मिल जाती तो तबाही को कुछ हद तक रोका जा सकता था।
राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण के प्रमुख दिनेश भट्ट ने कहा कि चीन के तिब्बत में हिमनद के तटबंध टूटने और बाढ़ की पूर्व सूचना नहीं दिए जाने के कारण नेपाल को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। भट्ट का दावा है कि सीमावर्ती क्षेत्र के जिलों में मानसून को लेकर सतर्क रहने की औपचारिक सूचना तो दी गई लेकिन इतने बड़े पैमाने पर बाढ़ आने की कोई पूर्व जानकारी नहीं दी गई।
रसुवागढ़ी जिला प्रशासन ने भी गृह मंत्रालय को अवगत कराया है कि चीन ने इस बारे में कोई भी पूर्व सूचना नहीं दी। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता रामचंद तिवारी ने कहा कि यदि पूर्व सूचना मिल जाती तो जनधन की भारी नुकसान से बचाया जा सकता था।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को आई विनाशकारी बाढ़ में बहे नौ लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। 19 लोगों अभी भी लापता हैं। बाढ़ में 24 मालवाहक कंटेनर, 35 इलेक्ट्रिक व्हीकल, 6 छोटे ट्रक बह गए हैं। इसके अलावा चीन सरकार का निर्माणाधीन ड्राइपोर्ट बह गया है। नेपाल-चीन को जोड़ने वाले एकमात्र पुल भी बह गया। इस कारण से सड़क संपर्क टूट गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास